औवेसी और महबूबा फैसले से नाखुश
कांग्रेस ने कहा जल्द चुनाव कराएं
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। पीएम मोदी ने नया जम्मू-कश्मीर हैशटैग के साथ ट्वीट कर कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सोमवार का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। पीएम मोदी ने लिखा, यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा, मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रगति का लाभ न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि इसका लाभ हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ित थे। पीएम मोदी ने कहा कि आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है, यह आशा की किरण है, उज्जवल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। शाह ने एक्स पर कहा, मैं आर्टिकल 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखने वाले भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। साथ ही उन्होंने लिखा, 5 अगस्त 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का दूरदर्शी निर्णय लिया। तब से जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति लौट आई है। कभी हिंसा से जूझ रही घाटी में प्रगति और विकास ने मानव जीवन में नए अर्थ लाए हैं। पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में समृद्धि ने जम्मू, कश्मीर और लद्दाख दोनों के निवासियों की आय के स्तर को बढ़ा दिया है।
दरअसल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया। इस फैसले पर एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं है… कश्मीर हमेशा से भारत का एक अटूट हिस्सा रहा है… अब आने वाले दिनों में भाजपा को कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई के केंद्र शाषित प्रदेश बनाने से कोई नहीं रोक सकता। इसका नुकसान सबसे ज्यादा डोगरा और लद्दाख के बुद्धिस्ट को होगा।
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराने पर शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा, हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। धारा 370 खत्म करने के समय हमारी पार्टी ने इसका समर्थन किया था। उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का जो दूसरा आदेश है कि अगले सितंबर तक वहां चुनाव होने चाहिए, वह जल्द से जल्द हो जाएगा। वहां की जनता है, उन्होंने खुली हवा में मतदान करने का अवसर मिलेगा। चुनाव के पहले अगर पीआके भी आ जाता है, तब पूरे कश्मीर में चुनाव हो जाएगा और देश का एक हिस्सा बरकरार रहेगा।
वहीं धारा 370 को निरस्त करने को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने पर पीडीपी प्रमुख और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा, हिम्मत नहीं हारे, उम्मीद न छोड़े, जम्मू-कश्मीर ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला यह एक मुश्किल पड़ाव है, यह मंजिल नहीं है… हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़कर इस शिकस्त को स्वीकार करें… यह हमारी हार नहीं यह देश के धैर्य की हार है।
इस फैसले पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने, केंद्र को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराना चाहिए और पूर्ण राज्य का दर्जा भी बहाल करना चाहिए।
वहीं कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बारीकी से हर एक चीज को देखा है। सभी परिस्थितियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट उस नतीजे पर पहुंची है। मैं फैसले का स्वागत करता हूं…मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रार्थना है कि जल्द से जल्द हमें राज्य का दर्जा दे दें। जरूरी नहीं है कि पहले चुनाव हो फिर राज्य का दर्जा मिले।
इस पर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी(डीएपीए) के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, एक उम्मीद थी क्योंकि कई चीजों में हमने कहा था कि जो कोर्ट कहेगा वह आखिरी फैसला होगा…मैं बुनियादी तौर पर कहता हूं कि इस खत्म करना गलत था।