नई दिल्ली । भारत में एप्पल का लक्ष्य प्रति वर्ष 50 मिलियन से अधिक आईफोन निर्माण करने का है। उसका फोकस कुछ प्रोडक्शन चीन से बाहर शिफ्ट करना है। एक रिपोर्ट के अनुसार टेक दिग्गज का लक्ष्य अगले दो से तीन वर्षों के भीतर लक्ष्य हासिल करना है, जिसके बाद अतिरिक्त दसियों लाख इकाइयों की योजना बनाई जाएगी। अगर एप्पल इस लक्ष्य को हासिल कर लेता है तो विश्व में आईफोन उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी एक चौथाई हो जाएगी। जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अभी भी सबसे बड़ा आईफोन निर्माता बना रहेगा। एप्पल अपना प्रोडक्शन चीन से बाहर शिफ्ट करने की योजना बना रहा है। इसका मुख्य आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन भारत में और अधिक कारखाने बनाने की योजना बना रहा है, क्योंकि टाटा समूह अब भारत के सबसे बड़े आईफोन असेंबली प्लांटों में से एक का निर्माण करने के लिए तैयार है। सरकर द्वारा जारी उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-अगस्त की अवधि में भारत में 5।5 बिलियन डॉलर (45,000 करोड़ रुपये से अधिक) का मोबाइल फोन निर्यात हुआ।
जबकि वाणिज्य विभाग और इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुमान के अनुसार, अप्रैल-अगस्त की अवधि में 5।5 अरब डॉलर का मोबाइल फोन निर्यात हुआ, जबकि वित्त वर्ष 22-23 की समान अवधि में यह 3 अरब डॉलर (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) था। एक अन्य रिपोर्ट में अप्रैल-अगस्त की अवधि में भारत निर्मित फोन निर्यात में एप्पल सबसे आगे रहा और पहली बार कुल अनुमानित आंकड़े के 50 प्रतिशत से अधिक को पार कर गए। इसके बाद सैमसंग रहा। सूत्रों ने बताया कि जून तिमाही में, एप्पल ने सैमसंग के 45 प्रतिशत निर्यात की तुलना में देश के कुल 12 मिलियन स्मार्टफोन शिपमेंट में से लगभग 50 प्रतिशत का निर्यात किया। भारत चालू वित्त वर्ष में मोबाइल फोन निर्यात में 1,20,000 करोड़ रुपये को पार करने के लिए तैयार है।