आतंकी गुरपतवंत सिंह की हत्या की कोशिश का मामला …

एक सिख अलगाववादी की हत्या की अमेरिकी धरती पर नाकाम साजिश में एक भारतीय का हाथ होने के वाशिंगटन के आरोपों की पृष्ठभूमि में एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे अगले सप्ताह भारत की यात्रा करेंगे। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को एक कार्यक्रम में अमेरिका-भारत संबंधों की मजबूती और बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के नयी दिल्ली के दौरों के बारे में बात करते हुए रे की आगामी यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह इकलौता देश है जहां वह (अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन) इस वर्ष अमेरिका के बाहर चार बार गईं।

 विदेश मंत्री (एंटनी ब्लिंकन) तीसरी बार यहां आए। रक्षा मंत्री (लॉयड ऑस्टिन) दूसरी बार। एफबीआई निदेशक अगले सप्ताह यहां आएंगे।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से जब रे की आगामी भारत यात्रा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह यात्रा साइबर सुरक्षा, आतंकवाद रोधी और मादक पदार्थों के खिलाफ समग्र द्विपक्षीय सहयोग के तहत हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, हमारे अमेरिकी एजेंसियों के साथ मजबूत सुरक्षा, साइबर-सुरक्षा, आतंकवाद रोधी और मादक पदार्थ रोधी सहयोग (संबंध) हैं। हम क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भी लगे हुए हैं। इसलिए इस चल रहे द्विपक्षीय सहयोग के तहत एफबीआई निदेशक की यात्रा की योजना है।’’ बागची ने कहा, “उन्हें (अमेरिकी पक्ष को) सटीक विवरण की पुष्टि करने दीजिए।
उम्मीद है कि रे वरिष्ठ भारतीय सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत करेंगे। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने पिछले सप्ताह खबर दी थी कि सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश का पता चलने के बाद बाइडन प्रशासन इतना चिंतित था कि उसने जांच की मांग करने और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए सीआईए निदेशक विलियम जे बर्न्स और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हेन्स को क्रमशः अगस्त और अक्टूबर में भारत भेजा था। अमेरिका के प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जोनाथन फाइनर ने इस सप्ताह भारत की यात्रा की। इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस.जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और उप एनएसए विक्रम मिस्री से बातचीत की थी। यात्रा के बाद, व्हाइट हाउस ने कहा कि फाइनर ने नयी दिल्ली को उसके द्वारा घोषित जांच में जिम्मेदार पाए गए किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के महत्व से अवगत कराया। आरोपों की जांच के लिए भारत पहले ही एक जांच समिति गठित कर चुका है।

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