लंदन। दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक सामान पहुंचाने के लिए पनामा नहर का उपयोग किया जाता है। कार्गो से लदे हुए जहाज पनामा नहर के माध्यम से 82 किलो मीटर का सफर करके एक कोने से दूसरे कोने तक सामान पहुंचाने का काम होता है।पनामा नहर का पानी कम हो जाने के कारण कई जहाज पिछले कई दिनों से पनामा नहर में ही फंसे पड़े हैं। जिसके कारण इंटरनेशनल स्तर पर सप्लाई में बाधा उत्पन्न हो गई है। निश्चित समय सीमा पर समान नहीं पहुंच पा रहा है। जिसके कारण सामान के दाम भी बढ़ रहे हैं।

उपभोक्ताओं के सामान जिसमें फल और ईंधन के लिए लोगों को भारी इंतजार करना पड़ रहा है। सप्लाई नहीं मिल पाने के कारण आयातकों ओर निर्यात का कारोबार करने वाले लोगों को भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जहाज फंसने के कारण बीमा कंपनियों के ऊपर भी नुकसान की आशंका बढ़ गई है। दुनिया भर में जब सरकारें महंगाई कम करने के लिए प्रयास कर रही हैं, उस समय पनामा नहर में पानी कम हो जाने के कारण जो जहाज फंस गए हैं। उनको निकाल पाना एक सबसे बड़ी समस्या बन गया है। नहर के सूखने की स्थिति भी पैदा हो सकती है। इसको लेकर पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जताई जा रही है। 120 साल के बाद यह स्थिति देखने को मिल रही है।

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