वॉशिंगटन। अंडमान सागर में फंसे 400 रोहिंग्या मुसलमानों के बचाव के प्रयास तेज कर ‎दिए हैं। बांग्लादेश से नाव लेकर ये लोग चले थे, ले‎किन ये बीच में ही फंस गए। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने इन शरणार्थियों के लिए चेतावनी जारी की है। बताया जा रहा है ‎कि ये सभी 400 लोग दो बड़ी नावों में सवार होकर बांग्लादेश से निकले थे। इनके पास खाने-पीने का सामान भी अब नहीं बचा है और वे अंडमान सागर में फंस गए हैं। एजेंसी के क्षेत्रीय प्रवक्ता बाबर बलूच ने चिंता जाहिर करते हुए कि अगर इन लोगों को नहीं बचाया गया तो नाव पर सवार सभी लोग मर सकते हैं। उन्होंने मी‎डिया को बताया ‎कि अगर इन लोगों को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया तो लगभग 400 बच्चे, महिलाएं और पुरुषों की मौत हो सकती है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से रवाना हुई नावें लगभग दो सप्ताह से समुद्र में होने की सूचना है। एपी द्वारा संपर्क किए गए एक नाव के कप्तान ने कहा कि उसमें 180 से 190 लोग सवार थे, उनके पास भोजन और पानी नहीं था और इंजन क्षतिग्रस्त हो गया था। कैप्टन मान नोकिम ने कहा, ‘वे चिंतित हैं कि वे सभी मरने वाले हैं।’ रविवार को, नोकिम ने कहा कि नाव थाईलैंड के पश्चिमी तट से 320 किलोमीटर दूर थी।

सोमवार को संपर्क करने पर थाई नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें नावों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। यूएनएचसीआर के प्रवक्ता बलूच ने कहा कि यह स्थान इंडोनेशिया के सबसे उत्तरी प्रांत आचे से सुमात्रा द्वीप पर लगभग इतनी ही दूरी पर है, जहां शनिवार को 139 लोगों के साथ एक और नाव उतरी थी। उन्होंने कहा कि उनमें 58 बच्चे, 45 महिलाएं और 36 पुरुष शामिल हैं, जो समुद्री यात्रा करने वालों के विशिष्ट संतुलन को दर्शाता है। पिछले महीने सैकड़ों लोग आचे पहुंचे। बता दें कि ये रोहिंग्या आमतौर पर बांग्लादेश में भीड़भाड़ वाले शरणार्थी शिविरों से आते हैं।

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