रूस और यूक्रेन में जंग के बीच एक और कहर से दोनों देशों को जूझना पड़ रहा है, वो है काला सागर इलाके में उठा खतरनाक तूफान। इस तूफान की गति और भारी बारिश ने बुरी तरह तबाही मचाई है। तूफानी बारिश के चलते सड़कें तालाब बन गईं, पेड़ उखड़ गए, बिजली की लाइनें ध्वस्त हो गईं। हालत यह है कि इस वजह से रूस के कब्जे वाले क्रीमिया और यूक्रेन में 5 लाख से ज्यादा लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं। यही नहीं, पानी भरने की वजह से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। तूफान के कारण 19 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

यूक्रेन के डेढ़ लाख घरों में बिजली गुल
यूक्रेन के ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, पेड़ उखड़ने और बिजली की लाइनें टूटने के चलते बिजली के सबस्टेशन फेल हो गए, जिससे क्षेत्र में लगभग 150,000 घरों में बिजली नहीं थी। ओडेसा, माइकोलाईव और कीव सहित 16 यूक्रेनी क्षेत्रों में रविवार रात और सोमवार सुबह दो हजार से अधिक कस्बों और गांवों में बिजली नहीं थी।
क्रीमिया में आया तूफान बेहद शक्तिशाली
रूस की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा के प्रमुख का कहना है कि क्रीमिया में आया तूफान सबसे शक्तिशाली था। इसकी वजह से एक व्यक्ति की मौत रिसॉर्ट शहर, दूसरे की रूस के कब्जे वाले क्रीमिया और तीसरे की मौत केर्च में एक जहाज पर हुई, जो क्रीमिया को रूसी मुख्य भूमि से अलग करती है।
गवर्नर ने की आपातकाल की घोषणा
रूस के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि दागेस्तान, क्रास्नोडार और रोस्तोव के दक्षिणी रूसी क्षेत्रों और डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन, जापोरिजिया और क्रीमिया के कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्रों में बिजली कटौती से लगभग 19 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद क्रीमिया के मॉस्को द्वारा नियुक्त गवर्नर ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है।
सैकड़ो लोगों की जान बचाकर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया
तूफान के खतरनाक प्रभाव को देखते हुए सैकड़ों लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के बंदरगाह शहर ओडेसा में रविवार रात एक ताप और बिजली संयंत्र की 110 मीटर (360 फीट) चिमनी ढह गई। इससे यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ। यूक्रेन के पावर ग्रिड को निशाना बनाने वाले मास्को के सैन्य अभियान से ओडेसा को पहले ही भारी क्षति हो चुकी है। तूफान ने काला सागर के पूरे इलाके में आम जनजीवन को झकझोर दिया है।

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