कांग्रेस ने की कलेक्टर को हटाने की मांग

बालाघाट। विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले बालाघाट में सोमवार को स्ट्रांग रूम में मतपत्रों से छेड़छाड़ का एक कथित वीडियो सामने आया है। इसमें कुछ कर्मचारी मत पत्रों को इकट्‌ठा करते दिख रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है। उन्होंने कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा को हटाने की मांग की है। वहीं, एसडीएम ने कहा कि लिफाफे में बंद मत पत्रों के 50-50 बंडल बनाए जा रहे थे। ये रूटीन प्रोसेस हैं। कांग्रेस नेता शफकत खान ने कहा कि सोमवार दोपहर 3 बजे स्ट्रांग रूम खोला गया। इसमें रखे पोस्टल बैलेट के बंडल बनाए जा रहे थे। यहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने इसकी सूचना दी। बताया कि कर्मचारी बंडल खोलकर गिनती कर रहे हैं। सूचना पर बालाघाट की कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा मुंजारे समेत कई कार्यकर्ता भी पहुंच गए थे। यहां पोस्टल बैलेट लिफाफे में अलग-अलग रखे थे। हमने आपत्ति जताते हुए पूछताछ की। यहां मौजूद कर्मचारी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बना लिया।

 

– कांग्रेस ने निर्वाचन पदाधिकारी से भी की शिकायत

 

स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने इसका वीडियो प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजा। निर्वाचन आयोग कार्य के प्रभारी जेपी धनोपिया ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन से बालाघाट कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा को हटाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि पहले ही कांग्रेस ने काउंटिंग में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। बालाघाट में तय तिथि से पहले ही कर्मचारियों ने मतपत्र खोले हैं। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

 

जेपी धनोपिया ने कहा कि कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने कैसे स्ट्रांग रूम खुलवा दिया और पोस्टल बैलट कर्मचारियों के हवाले कर दिए। वीडियो में कर्मचारी पोस्टल बैलेट की गड्डियां बनाते दिख रहे हैं। यह गंभीर मामला है।

 

-एसडीएम बोले- लोगों को गलतफहमी हो गई

 

एसडीएम गोपाल सोनी ने बताया कि पोस्टल बैलेट के लिए बनाया स्थाई स्ट्रॉन्ग रूम रोजाना तीन बजे खुलता है। इस दौरान लिफाफे में बंद मतपत्रों को 50-50 के बंडल में रखा जाता है। इसकी सूचना राजनीतिक दलों को दी जाती है। आज भी हम ये काम कर रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों को गलतफहमी हो गई कि पोस्टल बैलेट को फैला दिया गया है, कुछ गड़बड़ी है। इस स्ट्रॉन्ग रूम में सीसीटीवी भी लगे है। निर्वाचन में कोई अवकाश नहीं होता, इसलिए गुरुनानक जयंती के दिन भी हम ये काम कर रहे थे।

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