बीजिंग। अकड़ दिखाने और विस्तारवादी नीति पर चलने वाले चीन की अर्थव्यवस्था बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। कोविड के दौर में चीन अपने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन यह अभी तक पहले जैसा नहीं हो पाया है। इसी कड़ी में चीन ने एक और बड़ा कदम उठाया है। चीन ने घोषणा कर दी कि वह व्यापार और पर्यटन के लिए अधिक लोगों को देश में आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 5 यूरोपीय देशों और मलेशिया के नागरिकों को वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देगा। इसमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, डच और स्पेनिश और मलेशियाई नागरिकों को शामिल किया गया है। इन देशों के नागरिकों को बिना वीजा के 15 दिनों तक चीन में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। यह एक परीक्षण कार्यक्रम है और यह एक साल तक जारी रहेगा।

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को कहा कि अगले साल 1 दिसंबर से 30 नवंबर तक, व्यापार, पर्यटन, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने के लिए 15 दिनों से अधिक के लिए चीन में प्रवेश करने वाले देशों के नागरिकों को वीजा की आवश्यकता नहीं होगी। महामारी के कारण लगभग 3 सालों तक चीन का पर्यटन क्षेत्र ठप्प पड़ा रहा। इस साल की शुरुआत में प्रतिबंध हटा दिए गए, लेकिन अंतरराष्ट्रीय यात्रा अभी भी महामारी से पहले की तरह नहीं हो पाई है। जापान,सिंगापुर और ब्रुनेई लोगों को भी बिना वीजा के चीन में प्रवेश करने की अनुमति थी लेकिन कोविड-19 के प्रकोप के बाद कार्यक्रम को निलंबित कर दिया गया था। जुलाई में ब्रुनेई और सिंगापुर के लिए वीजा-फ्री प्रवेश फिर से शुरू किया लेकिन जापान के लिए ऐसा नहीं किया है।हाल ही में प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण ने 24 देशों में जाकर चीन जाने के बारे में पूछताछ की है। सभी देशों में चीन के बारे में अधिकतर नकारात्मक विचार थे। 67% ट्रैवलर्स ने चीन को लेकर नकारात्मक विचार रखे थे। आधे से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि चीन अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप करता है और दूसरों के हितों को ध्यान में नहीं रखता है।

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