नई दिल्ली । पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम संबंधी परिस्थितियों में रविवार से सुधार की संभावना है। रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में आंशिक सुधार देखा गया लेकिन अब भी वह ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में है। दिल्ली में नवंबर में 10 दिन वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ रही है। न्यूनतम तापमान में गिरावट और रात में हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषकों के एकत्र होने से दिल्ली में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को फिर से गंभीर श्रेणी में दर्ज की गयी थी। शहर में अपराह्न चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 389 था जबकि सुबह आठ बजे यह 421 दर्ज किया गया था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक वैज्ञानिक ने रविवार से पश्चिमोत्तर भारत को प्रभावित कर सकने वाले एक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण मौसम संबंधी स्थितियों में संभावित सुधार के परिणामस्वरूप प्रदूषण से थोड़ी राहत का अनुमान जताया है।

दिल्ली के एक्यूआई में गत रविवार को मामूली सुधार के बाद से लगातार वृद्धि हो रही है। केंद्र ने हवा की अनुकूल गति और दिशा के कारण प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बाद पिछले शनिवार को दिल्ली में कुछ परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध सहित कड़े प्रतिबंध हटा दिए थे, जिसके बाद एक्यूआई के स्तर में वृद्धि हुई है।

दिल्ली सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर की एक संयुक्त परियोजना के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में जैव ईंधन जलाने का योगदान 51 प्रतिशत रहा। आंकड़ों के अनुसार, राजधानी के वायु प्रदूषण में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन का योगदान 31 प्रतिशत रहा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संबंधित एजेंसियों और विभागों को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती से अंकुश लगाने और जैवईंधन जलाने की बढ़ती घटनाओं को रोकने का निर्देश दिया है

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