वॉशिंगटन। पृथ्वी को अंतरिक्ष से पहला लेजर संदेश प्राप्त हुआ है। यह पृथ्वी से 16 मिलियन किमी से अधिक की दूरी से आया है। नासा के अनुसार यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 40 गुना अधिक है। यह प्रयोग डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस (डीएसओसी) उपकरण द्वारा संभव हुआ जो नासा के साइकी स्पेसक्राफ्ट पर यात्रा कर रहा था। यह 13 अक्टूबर को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुआ था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक 14 नवंबर को साइकी अंतरिक्ष यान ने कैलिफोर्निया में पालोमर वेधशाला में हेल टेलीस्कोप के साथ एक संचार लिंक स्थापित किया था। इस मैसेज को स्पेसक्राफ्ट साइकी से पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 50 सेकंड का समय लगा था। नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में डीएसओसी के प्रोजेक्ट टेक्नोलॉजिस्ट अबी बिस्वास ने कहा कि इस तरह का पहला सिग्नल प्राप्त करना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
हम काफी समय से ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल करके स्पेसक्राफ्ट के साथ कम्युनिकेशन को स्थापित कर रहे थे, लेकिन यह पहली बार है जब हमें लेजर संदेश मिला है। नासा के अधिकारी टर्डी कोर्टिस के मुताबिक, स्पेस में कम्युनिकेशन को बेहतर करने के और तरीके भी खोजने का प्रयास जारी हैं। इससे भविष्य में दूसरे ग्रहों पर साइंटिफिक जानकारी, फोटो और वीडियो को आसानी से भेजा जा सकेगा। इसके अलावा दूसरे ग्रहों की कुछ रहस्यमयी चीजों का भी पता लगेगा। यह प्रयोग 2 साल तक चलने की योजना है, जिसमें तेजी से दूर के स्थानों से लेजर सिग्नल भेजे और प्राप्त किए जाएंगे।