ठगों द्वारा लोगों से पैसे निकलवाने का नया तरीका है डिजिटल अरेस्ट
नई दिल्ली । हरियाणा के फरीदाबाद में एक 17 वर्षीय लड़की को लगभग को 17 दिन के लिए उसके घर में डिजिटली अरेस्ट कर लिया गया। इस बारे में वह अपने परिवार के सदस्यों तक को नहीं बता पाई। इस दौरान उसके अकाउंट से 2.5 लाख रुपये भी निकलवा लिए गए। बता दें कि यह ठगों द्वारा लोगों से पैसे निकलवाने का नया इजाद तरीका है। पीड़िता को फोन करके बताया गया कि कंबोडिया जा रहे एक पार्सल से पीड़िता का आधार नंबर लिंक है। इस पार्सल में कई फर्जी पासपोर्ट और अन्य कार्ड हैं। पीड़िता को बताया जाता है कि वह मानव तस्करी के अवैध कारोबार में संलिप्त है। ठगों द्वारा फोन लखनऊ कस्टम अधिकारी बनकर किया जाता है। उससे कहा जाता है कि अगर वह पार्सल उसका नहीं है तो लखनऊ के संबंधित थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराए। पीड़िता को इसके बाद स्काइप कॉल करने के लिए कहा जाता है। घबराई हुई नाबालिग लड़की ऐसा ही करती है और फिर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाती है। स्काईप कॉल पर पीड़िता को फर्जी थाना और पुलिस अधिकारी दिखाए जाते हैं। स्काईप पर ही उसे फर्जी कस्टम और सीबीआई अधिकारी भी दिखाए जाते हैं। इसके बाद लड़की को कहा जाता है कि अब ठगों के साथ लगातार संपर्क में बनी रहे। वह फोन पर या स्काईप उनसे जुड़ी रहेगी। साथ ही इस बात की जानकारी भी घर के किसी सदस्य व दोस्तों को नहीं दे सकती। लड़की ने ऐसा ही किया। पीड़िता उच्च शिक्षा लेने के लिए विदेश जाने की तैयारी कर रही थी तो घर वालों को लगा कि वह पढ़ाई से संबंधित किसी काम में व्यस्त है। करीब 17 दिन तक यह खेल चलता रहा। पीड़िता का दावा है कि इतने दिन उसे घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया और ना ही फोन से डिस्कनेक्ट होने दिया गया। इस बीच सेटलमेंट के नाम पर अधिकारी बने ठगों ने उससे पैसे मांगना शुरू कर दिया था। उससे पहले 15 लाख रुपये की मांग की गई। जब पीड़िता ने कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं तो उसे कहा गया कि वह अपने घर के लोगों व रिश्तेदारों से पैसे मांगकर उन्हें दे। हालांकि, पीड़िता ने ऐसा नहीं किया और उसने कहा कि उसके अकाउंट में पढ़ाई के लिए जमा 2.5 लाख रुपये रखे हैं। यही पैसे उसने ठगों को दे दिए। इसके बाद उन्होंने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। जब पीड़िता ने यह बात घर वालों को बताई तो उन्हें समझ आया कि वह डिजिटल फ्रॉड का शिकार हो गई है।