नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सिविल सेवकों से कहा है कि नौकरशाहों से आम जनता से जुड़ी परेशानी दूर करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने ब्यूरोक्रेसी में नवाचार का आह्वान करते हुए कहा, देश की जनता की परेशानी दूर करने के लिए लोगों की शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया देनी होगी। ऐसा करना सिविल सेवकों का कर्तव्य है। राष्ट्रपति भवन में प्रशिक्षु सिविल सेवा पदाधिकारियों से मुलाकात के दौरान द्रौपदी मुर्मू ने कहा, नौकरशाहों को आने वाले दिनों में देश के नागरिकों के लिए लाभकारी और नवोन्मेषी उपाय अपनाने होंगे।
देश में सबसे प्रतिष्ठित और कठिन मानी जाने वाली- सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद प्रशिक्षु अधिकारियों का समूह राष्ट्रपति से मुलाकात करता है। युवा सिविल सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं को लेकर जनता की प्रतिक्रिया को अहम करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन को कुशल और जवाबदेह बनाने में जनता की राय बेहद अहम मानी जाती है। उन्होंने कहा, आम जनता अब सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें तुरंत पोस्ट कर सकती है। इस चुनौतीपूर्ण माहौल में आम लोगों तक सरकारी सेवाओं का लाभ पहुंचे, लाभार्थियों के बीच वितरण और शिकायतों के निवारण के दौरान उपकरणों और उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाए, इसकी जरूरत कई गुना बढ़ गई है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्रेनी आईएएस-आईपीएस अधिकारियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा, सिविल सेवक ऊर्जावान और जागरूक हैं। ऐसे में आम लोगों की शिकायतों और समस्याओं पर तुरंत प्रतिक्रिया और उनका समाधान सिविल सेवकों का कर्तव्य है। राष्ट्रपति ने कहा, जिले या राज्य के शीर्ष अधिकारियों के रूप में नौकरशाहों को ऐसे नवीन उपाय करने चाहिए जो कम समय के साथ-साथ लंबी अवधि में भी देश के नागरिकों के लिए फायदेमंद हों।
उन्होंने कहा, आज देश-दुनिया में नवीनतम तकनीकों की भरमार है। इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस, स्मार्ट गवर्नेंस, प्रभावी गवर्नेंस जैसे तमाम शब्द नागरिकों को तेज और कुशल सेवा की गारंटी का आभास कराते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सुशासन नागरिक-केंद्रित शासन का भी प्रतीक है, यानी इसके केंद्र में सबसे पहले जनता के बारे में नीतियां बनाई जाती हैं। इन दिनों सरकार की विभिन्न योजनाएं और परियोजनाएं आम जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। ऐसे में आम जनता की प्रतिक्रिया से जवाबदेही तय होती है।