प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से की माफी की मांग

ओटावा । कनाडा में हिंदू विरोधी गतिविधियों के बीच स्वास्तिक को लेकर भी तरह-तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। इजरायल और हमास में युद्ध के बीच कनाडा में कई जगहों पर स्वास्तिक जैसा निशान बना पाया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी स्वास्तिक निशान के खिलाफ बयान दिया था। वहीं अब इंडो-कनाडियन समुदाय ने रीक्लेम स्वास्तिक नाम से अभियान शुरू कर दिया है। अभियान में लोग नाजियों द्वारा इस्तेमाल किए गए निशान और स्वास्ति के बीच का अंतर समझा रहा है। इसके अलावा हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध समुदाय में इस निशान की महत्ता के बारे में भी समझा रहे हैं।

बता दें कि यहूदियों की कई जगहों पर बीते दिनों धमकी के साथ नाजी वाला निशान बनाया गया। इसके अलावा ओटावा में एक रैली के दौरान भी वैसा ही निशान दिखाया गया। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इसके बाद सोशल मीडिया पर लिखा, संसद के सामने इस तरह से स्वास्तिक का निशाना दिखाना बर्दाश्त नहीं होगा।

इसके अलावा टोरंटो पुलिस की वेबसाइट पर भी स्वास्तिक को हेट सिंबल के रूप में बताकर कहा गया कि अगर कोई इसका इस्तेमाल करता है तब उसपर आपराधिक धाराएं लगेगी। इसके बाद इंडो-कनाडियन समुदाय ने इसका विरोध शुरू किया। कनाडियन ऑर्गनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज ऐंड एजुकेशन स्वास्तिक रीक्लेम अभियान शुरू कर दिया। कनाडाई एजेंसियों और पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई और कहा गया कि स्वास्तिक का निशान समृद्धि का परिचायक है और इसका इस्तेमाल पवित्र रूप में मंदिरों, घरों और कार्यालयों में किया जाता है।

बोर्ड मेंबर रुची वाली ने कहा, स्वास्तिक कोई घृणा का निशान नहीं है। यह एक प्राचीन निशान है जिसका इस्तेमाल हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध करते हैं। नाजियों ने इसका उपयोग कभी नहीं किया। वे एक हुक वाले क्रॉस का इस्तेमाल किया करते थे। स्वास्तिक को गलते उसके साथ जोड़ दिया गया है। यह हिंदूफोबिक हो गया है कि स्वास्तिक को हेट सिंबल बताया जा रहा है। यह समृद्धि और शांति का प्रतीक है।

यहूदी समुदाय ने भी इस विचार को माना है। यहूदी संगठन के रिचर्ड मरस्यू ने कहा कि हाल ही में कई रैलियों में नाजियों के निशान को लहराया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर हिंदू समुदाय के साथ संपर्क में हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *