राजस्थान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा पर लगाये कई आरोप
जयपुर : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि यदि कांग्रेस की सरकार बनेगी तो सबसे पहले जाति जनगणना कराई जाएगी। राहुल गांधी ने राजस्थान में एक चुनावी रैली के दौरान भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कहा, वे दो भारत बनाना चाहते हैं। एक तरफ अडानीवाला भारत है और दूसरी तरफ सच्चा हिंदुस्तान, भारत माता है, जहां लोग कड़ी मेहनत करते हैं, 24 घंटे खून-पसीना बहाते हैं। हम दो भारत नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान में कांग्रेस सरकार दोबारा सत्ता में आती है तो सबसे पहले जातीय जनगणना कराएगी। राहुल गांधी ने कहा, जैसे ही हमारी सरकार केंद्र में आएगी, कांग्रेस पूरे देश में जाति जनगणना कराएगी। पिछड़े लोगों, गरीबों, दलितों और आदिवासियों की समान भागीदारी होनी चाहिए। उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना होने के बाद सरकारें उसके मुताबिक कार्रवाई कर सकेंगी। जाति जनगणना के बाद भारत बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस दिन भारत अपने गरीबों, पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों को देश चलाने में भाग लेने की अनुमति देगा, भारत में एक चमत्कार होगा।
राहुल गांधी ने कहा कि पिछड़े, दलित, आदिवासी उस शक्ति को समझेंगे जो हमारे देश को बदल देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर भाषण में कहते हैं कि वह ओबीसी से हैं। भारत में ओबीसी की जनसंख्या कितनी है? कोई नहीं जानता। हमारे देश में पिछड़े लोगों की आबादी कितनी है, यह कोई नहीं जानता, इसलिए जाति जनगणना कराना और जिसका जो हक बनता है, उसे देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैंने संसद में पूछा कि हम भारत माता का गुणगान करते हैं, लेकिन भारत की जनसंख्या कितनी है, ये कोई नहीं जानता। इसलिए मैंने संसद में जाति जनगणना की मांग की। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज करते हुए कहा कि जब से उन्होंने जाति जनगणना की बात कही है, मोदी ने अपना भाषण ही बदल दिया है। तब से मोदी कहते हैं कि भारत में एक जाति है और वह है गरीब।
राहुल ने कहा कि जब चुनाव जीतने का समय आता है तो मोदी ओबीसी बन जाते हैं, लेकिन जब ओबीसी वर्ग को भागीदारी देने की बात आती है, तो कहते हैं केवल एक ही जाति है और वह है गरीब। उन्होंने कहा कि भारत सांसदों और विधायकों से नहीं चलता। कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के साथ कम से कम 90 अधिकारी देश चलाते हैं। ये लोग तय करते हैं कि बजट का कितना पैसा देश के स्वास्थ्य, शिक्षा, बीमा योजना और रक्षा में जाएगा। इन 90 अधिकारियों में से कितने आईएएस अधिकारी पिछड़े वर्ग से हैं? पिछड़ी आबादी लगभग 50 प्रतिशत है और इन 90 अधिकारियों में से केवल एक अधिकारी आदिवासी है और तीन अधिकारी दलित हैं।