उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से ‘हलाल प्रमाणपत्र’ जारी करने के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए एक आदेश जारी कर हलाल प्रमाणीकरण वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया है. इससे पहले धर्म विशेष के ग्राहकों को हलाल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराकर बिक्री बढ़ाने के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ कथित रूप से खिलवाड़ करने को लेकर एक कंपनी और कुछ अन्य संगठनों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था.
लखनऊ के ऐशबाग में मोतीझील कॉलोनी के निवासी शैलेंद्र कुमार शर्मा की शिकायत पर शुक्रवार को हजरतगंज थाने में ये मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. हजरतगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराने वाले शैलेंद्र शर्मा का बयान दर्ज कर लिया है.
सपा बोली- हलाल संस्थाओं को मिले भारत रत्न
वहीं इस पूरे विवाद पर समाजवादी पार्टी के नेता अमीक जमई ने कहा था कि हलाल संस्थाओं को भारत रत्न मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हलाल उर्दू शब्द न होता तो हलाल न होता, व्यापार लाने के लिए हलाल संस्थाओं को भारत रत्न मिलना चाहिए. हलाल संस्थाओं को तो भारत रत्न दे देना चाहिए जो लाखों करोड़ों का व्यापार भारत में ला रहे है. योगी शरीफ आदमी हैं उन्हें व्यापार की समझ नहीं है. पतंजलि अमूल नेशले के ज्यादातर प्रोडक्ट हलाल सर्टिफाइड हैं, सबको नोटिस दे दें. हलाल का शरिया से कोई लेना देना नही है.’
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है.यूपी सरकार ने शनिवार को राज्य में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि, निर्यात उत्पादों को इस प्रतिबंध के दायरे से बाहर रखा गया है. उत्तर प्रदेश की फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) की आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव अनीता सिंह ने शनिवार को इस संदर्भ में एक अधिसूचना जारी की थी.
हलाल प्रोडक्ट्स केस में एक्शन तेज
अब हजरतगंज पुलिस एफआईआर में नामजद संस्थाओं को नोटिस भेजने की तैयारी में है. हलाल प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्था हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल आफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा.
संस्थाओं से पूछे जाएंगे ये सवाल
संस्थाओं से पूछा जाएगा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया क्या है, कितनी फीस ली जाती है, हलाल प्रमाण पत्र संस्था कब से जारी कर रही है और कौन-कौन सी कंपनियां उनसे प्रमाण पत्र लेती हैं. बीते शुक्रवार को हजरतगंज कोतवाली में फर्जी दस्तावेजों से हलाल प्रमाण पत्र देने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी.
बयान के अनुसार, यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र का अपराध), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्यता को बढ़ावा देने), 298 (धार्मिक भावनाएं आहत करने के इरादे से शब्द आदि कहना), 384 (फिरौती), 420 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी दस्तावेज को असली जैसा उपयोग करना) और 505 (लोगों को बेवकूफ बनाने वाले बयान) के तहत दर्ज किया गया था.
जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट बोला
प्राथमिकी के हवाले से कहा गया कि ये कंपनियां और संगठन न केवल वित्तीय लाभ के लिए बल्कि सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाते हुए फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर रहे हैं और हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं. इस बीच, जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट ने आरोपों को ‘निराधार’ बताया. उसने एक बयान में कहा कि वह ‘इस तरह की गलत सूचना का मुकाबला करने के लिए आवश्यक कानूनी उपाय करेगा.