नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वी के सक्सेना आमने-सामने हैं। उपराज्यपाल ने नरेश कुमार का सेवानिवृत्ति के बाद एक साल का सेवा विस्तार के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा है। वह एक साल के लिए नरेश कुमार काे सेवा विस्तार देना चाहते हैं। एलजी उन्हें उनके काम का पुरस्कार देना चाहते हैं। उधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नरेश कुमार का निलंबन चाहते हैं। उन्होंने मुख्य सचिव के विरुद्ध सतर्कता मंत्री आतिशी की रिपोर्ट एलजी को भेजी है, जिसमें उन्होंने बामनाेली जमीन अधिग्रहण मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर नरेश कुमार को तुरंत पद से हटाकर कर उन्हें निलंबित करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही उन्होंने मंत्री को रिपोर्ट सीबीआई और ईडी को भेजने का भी आदेश दिया हैं। यहां गौरतलब है कि मुख्य सचिव के पद पर आने के बाद से नरेश कुमार चर्चा का केंद्र बिन्दु रहे हैं। किसी न किसी कारण से वह चुनी हुई सरकार के निशाने पर भी रहे हैं। कई बार ऐसा समय आया है, जब चुनी हुई सरकार ने मुख्य सचिव के खिलाफ सार्वजनिक बयान तक दिया है। 2022 में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव प्रचार के समय सरकार ने यह बयान तक दिया था कि मुख्य सचिव नरेश कुमार भाजपा को जितवाने के लिए काम कर रहे हैं। मगर अब आप सरकार ने जो हमला किया है, यह उनकी सेवानिवृत्ति के समय हुआ है। यह समय वह है जब अगले कुछ दिनों में ही 30 नवंबर को नरेश कुमार मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके एक साल सेवा विस्तार की कोशिश की जा रही है, जिसे चुनी हुई सरकार केिसी भी स्थिति में नहीं चाहती है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इसी रणनीति के तहत मुख्य सचिव को लेकर जमीन घोटाले का मुद्दा उठा है।