काठमांडू। हाल ही में नेपाल और चीन की दोस्ती को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा रही है। यहां तक कि दोनों देशों की बढ़ रही नजदीकियों से किस देश पर क्या असर होगा इसका आकलन भी खबरों में देखा गया। अब नेपाल और चीन के बीच आ रही दरार चर्चा का विषय बनी हुई है। वजह ये है कि नेपाल ने अपने कथित मित्र चीन के टिकटॉक एप पर यह कहते हुए प्रतिबंधित करने का फैसला किया कि सामाजिक सद्भाव पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है। सरकार की प्रवक्ता, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रेखा शर्मा के मुताबिक, सोमवार को मंत्रिमंडल की हुई बैठक में टिकटॉक को प्रतिबंधित करने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि टिकटॉक पर प्रतिबंध का फैसला संचार एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय द्वारा लागू कराया जाएगा। काठमांडू पोस्ट अखबार की खबर के मुताबिक, नेपाल सरकार ने टिकटॉक पर रोक सामाजिक सद्भाव पर इसके ‘‘नकारात्मक असर के मद्देनजर उठाया है।मंत्रिमंडल की हुई बैठक में फेसबुक, एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर), टिकटॉक और यूट्यूब सहित सभी सोशल मीडिया मंचों के लिए नेपाल में संपर्क कार्यालय खोलना अनिवार्य करने का फैसला किया गया था।

 

खबरों के मुताबिक सरकार ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी एक मूलभूत अधिकार है लेकिन समाज के बड़े तबके ने टिकटॉक की आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि यह घृणा भाषण को बढ़ावा दे रहा है। पिछले साल में वीडियो साझा करने वाले इस ऐप से साइबर अपराध करने के 1,647 मामले दर्ज किए गए थे। शर्मा ने स्पष्ट किया कि टिकटॉक को बंद करने का फैसला समय सीमा तय करने के बाद लागू किया जाएगा। हालांकि, नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘सरकार का टिकटॉक पर रोक लगाने का फैसला गलत है, सरकार को सोशल मीडिया साइट को विनियमित करना चाहिए। चीनी नेटवर्किंग मंच के लिए यह फैसला झटके की तरह है। बता दें कि भारत, अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन सहित विभिन्न देशों की सरकारों ने सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते सोशल नेटवर्किंग मंच ‘टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये वो एप है जो समाज में नकारात्मकता फैलाने में बहुत तेजी से काम कर रहा है। तमाम जांच पड़ताल के बाद इस प्रतिबंधित करने में कई देशों ने पहल की है।

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