टोरंटो। खालिस्तानी गुरवतवंत पन्नू की धमकी के बाद कनाडा सरकार जागी और उसने एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। वैसे कनाडा इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देता है। लेकिन इस बार उसने खालिस्तान समर्थक गुरवतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद भारत ने इस मामले को गंभीरता से लिया था और कनाडाई अधिकारियों के सामने यह मुद्दा उठाया था।अब कनाडा ने भारत को बताया है कि पन्नू की धमकी को बेहद गंभीरता से लिया गया है और एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कनाडा के मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे उड्डयन विभाग ने इस धमकी पर गंभीरता से विचार किया है और सिक्योरिटी पार्टनर्स के साथ बात करके एयरपोर्ट और विमानों की सुरक्षा में इजाफा किया गया है।इसी बीच टोरंटो स्टार ने रिपोर्ट किया है कि रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस को इस धमकी की जांच करने का आदेश दिया गया है। आरसीएमपी ने सभी धमकियों सेबहुद गंभीरता से लिया है। ओटावा में भारत के हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा ने भी कहा है गुरपतवंत सिंह पन्नू ने गंभीर अपराध किया है और उसे सजा मिलनी कनाडा सरकार को गंभीरता से विचार करके ऐक्शन लेना चाहिए।
खालिस्तानी सिख फॉर जस्टिस चीफ पन्नू का कहना है कि उसने कोई धमकी नहीं दी है और ना ही उसके वीडियो में हिंसा की कोई बात कही गई। उसने कहा, आरसीएमपी को आतंकी धमकियों की जांच करने का पूरा अधिकार है। उसने कहा कि एयर इंडिया को बायकॉट करने के लिए कहा गया था ताकि भारत पर असर पड़े। अगर यह आतंक है तो एजेंसियों को जांच करने दिया जाए। सब सामने आ जाएगा। बता दें कि कनाडा के टोरंटो और वैनकूवर एयरपोर्ट्स से नई दिल्ली के लिए एयर इंडिया के विमानों का संचालन होता है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी करके 19 नवंबर को एयर इंडिया के विमान को उड़ाने की धमकी दी थी। पन्नू ने कहा था कि कोई भी सिख 19 नवंबर को एयर इंडिया के फ्लाइट से सफर ना करे। उस दिन वैश्विक नाकेबंदी की जाएगी और विमान को नहीं चलने दिया जाएगा। उसने कहा था कि एयर इंडिया के विमान में सफर करने से उनकी जान को खतरा है। उसने कहा था कि 19 नवंबर को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपो्र्ट को भी बंद किया जाएगा। हालांकि इससे कनाडा में एयर इंडिया के विमान को पहले भी निशाना बनाया जा चुका है। इसलिए इस धमकी को बेहद गंभीरता से लिया गया है। 23 जून 1985 को एयर इंडिया फ्लाइट 182 में बम विस्फोट हुआ था। इसके बाद 329 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद से ही कनाडा और भारत के संबंधों में खटास आनी शुरू हो गई थी। इस विमान ने मॉन्ट्रियल शहर से उढ़ान भरी थी। यह पहले लंदन जाने वाला था और वहां से दिल्ली होकर मुंबई पहुंचने वाला था। इसका नाम सम्राट कनिष्क था। हालाकि आयरलैंड हवाई क्षेत्र में ही इसे बम से उड़ा दिया गया। इसमें सवार 22 हवाई यात्री भारत के थे। वहीं 280 लोग भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे।