सिवनी । मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंच चुका है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 5 नवंबर को चुनावी सभा संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के मन में भाजपा है, मोदी के मन में एमपी है और जनता जनार्दन ने मोदी को जिताने की गांरटी ली है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि एक बार फिर मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी। सिवनी की सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश को निरंतर विकास चाहिए, मध्य प्रदेश को लगातार सुशासन चाहिए। इसके लिए मध्य प्रदेश के मन में भाजपा है। मोदी के मन में एमपी है और जनता जनार्दन ने मोदी को जिताने की गांरटी ली है। उन्होंने सभा में उपस्थित जन समूह को देखते हुए कहा, यह नजारा, ये जनता-जर्नादन की गारंटी है, भाजपा को जिताने की. यह विजय की गारंटी है, जनता जनार्दन के आशीर्वाद से निकली हुई गारंटी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि मैंने आचार्य विद्यासागर जी का आशीर्वाद लिया, आज का दिन मेरे लिए शुभ है। उन्होंने कहा कि 30 साल बाद कोई प्रधानमंत्री यहां आया है और यह सौभाग्य भी मुझे ही मिला है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश एक स्वर से कह रहा, भाजपा है तो भरोसा है, भाजपा है तो विकास है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ रही है, वह चुनाव लड़ने का ढोंग कर रही है। असल में उसे मालूम है कि चुनाव तो उसे जीतना ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल से लेकर अब तक हमने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया और मध्य प्रदेश में करीब 5 करोड़ लोगों के घर में मुफ्त राशन पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अन्न योजना तो एक महीने बाद दिसंबर में ही बंद हो रही थी, लेकिन मैं गरीब के दर्द को महसूस करता हूं, इसलिए निश्चय किया है कि आने वाले 5 सालों के लिए मुफ्त राशन दिया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले तक कांग्रेस का एक-एक घोटाला लाखों-करोड़ों का होता था, अब भाजपा सरकार में घोटाले नहीं होते। घोटालेबाज कांग्रेस सरकार और भाजपा सरकार में सबसे बड़ा यही अंतर है। प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस ने छोटे किसानों के लिए कोई योजना नहीं बनाई। भाजपा के बेहतर प्रयासों के बीच कांग्रेस कर्ज माफी की घोषणा करती है। हद यह है कि कांग्रेस ने 10 दिन मांगे थे, लेकिन डेढ़ साल में भी कर्ज माफ नहीं कर पायी। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब धान का समर्थन मूल्य 1300 रुपए था और जब भाजपा की सरकार आई तो 2200 रुपए हो गया।