नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नई दिल्ली स्थित दक्षिणपूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक के चुनाव के लिए बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना की बेटी और मनोवैज्ञानिक साइमा वाजेद और नेपाल के डब्ल्यूएचओ में शीर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ शंभू प्रसाद आचार्य के बीच कूटनीतिक लड़ाई ने काफी सुर्खियां बटोरीं हैं। भारत के लिए दोनों पड़ोसी मुल्क के दावेदारों में से एक को चुनने जैसी धर्म संकट वाली स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन फिर भारत ने वर्तमान में चीन की भाषा बोलने वाले नेपाल के ऊपर बांग्लादेश को तरजीह दी। डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र ऑफिस के अनुसार साइमा वाजेद को अगले साल शुरू होने वाले 4 साल के कार्यकाल के लिए क्षेत्रीय निदेशक के रूप में 8 वोट मिले। उनके प्रतिद्ववंदि को महज 2 वोट मिले।

 

 

मंत्रालय ने कहा कि वाजेद को भारत सहित डब्ल्यूएचओ क्षेत्रीय देशों के 10 सदस्य देशों की भागीदारी के साथ वोटिंग में चुना गया है, उन्हें 8 वोट मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी नेपाल के डॉ. आचार्य को 2 वोट मिले। बांग्लादेश ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की निदेशक के रूप में वाजेद का चुनाव सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति उनके जुनून को मिली मान्यता और उनके नेतृत्व कौशल में विश्वास को दर्शाता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी साइमा को संगठन का दक्षिण-पूर्व एशिया निदेशक चुना गया है। साइमा का चार साल का कार्यकाल 2024 में शुरू होगा।

डब्ल्यूएचओ के बयान में कहा है, सदस्य देशों ने दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय समिति के 76वें सत्र में बैठक के दौरान वाजेद का चुनाव किया। साइमा ने लिखा, मुझे डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की अगली निदेशक चुनने के लिए सदस्य देशों का आभार व्यक्त करती हूं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा, नवनियुक्त क्षेत्रीय निदेशक एक फरवरी, 2024 को पदभार ग्रहण करेंगी। साइमा 2024 से 2028 तक इस पद पर रहेंगी। मंत्रालय ने कहा, यह चुनाव सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में साइमा के जुनून को मिली मान्यता और उनके नेतृत्व कौशल के प्रति विश्वास व भरोसे को दर्शाता है।

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