दिल्ली । दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों का जीना मु‎श्किल कर ‎दिया है। यहां सांस लेना भी क‎ठिन हो गया है। हालात ‎बिलकुल आपातकाल जैसे बन गए है। स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है,और लोगों को ज्यादा जरुरत होने पर ही घर से ‎निकलने की सलाह दी गई है। इससे भी ज्यादा ‎दिक्कत इस बात की है ‎कि अगले कुछ दिनों तक राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
मौसम वैज्ञानियों ने अगले दो सप्ताह के दौरान दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की चेतावनी जारी की है। यह चिंताजनक इसलिए है क्योंकि कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक पहले ही 400 से अधिक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह आठ बजे के आसपास सफदरजंग वेधशाला में दृश्यता घटकर केवल 500 मीटर रह गई, दिन के दौरान जैसे-जैसे तापमान बढ़ता रहा दृश्यता 800 मीटर हुई । गले में खराब, आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी भी बढ़ने लगी है। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा तथा फेफड़ों से संबंधित समस्याएं बढ़ सकती हैं।
सफदरजंग अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्रमुख जुगल किशोर ने कहा, यह सलाह दी जाती है कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोग अपनी दवाएं नियमित रूप से लें और जब तक बहुत जरूरी न हो, खुले में न जाएं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। लोधी रोड में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 438, जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम इलाके में 486 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) के आसपास 473 दर्ज किया गया है। पराली जलाने की घटनाओं में 700 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों को प्रदूषण का कारण माना जा रहा है। बता दें ‎कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है। इन इलाकों में 400 पार एक्यूआई दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दोपहर तीन बजे 378 तक पहुंच गया। बुधवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था। पंजाबी बाग (439), द्वारका सेक्टर-8 (420), जहांगीरपुरी (403), रोहिणी (422), नरेला (422), वजीरपुर (406), बवाना (432), मुंडका (439), आनंद विहार (452) और न्यू मोती बाग (406) सहित शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। इन स्थानों पर पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से छह से सात गुना अधिक रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *