गाजा। इजरायल और हमास की जंग में दु‎निया की सबसे हाइटेक आर्मी कसाम ‎ब्रिगेड से इजरायल की सेना मुकाबला कर रही है। हालां‎कि युद्ध को तीन हफ्ते से ज्यादा हो गए हैं। 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास के हमले के बाद से गाजा में लगातार ये संघर्ष चल रहा है। इजरायल में हमले करने के पीछे हमास की अलग-अलग शाखाओं का नाम सामने आया है। इसमें एक प्रमुख नाम कसाम ब्रिगेड है। ये हमास की मिलिट्री विंग है। 1992 में बनी इस विंग का काम ही इजरायल से सशस्त्र लड़ाई लड़ना है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से जब सैनिक हमास और उसकी सभी विंग को खत्म करने की कसम खाई गई तो इसका जवाब कसाम ब्रिगेड की ओर से आया। कसाम प्रवक्ता अबू आबदेह ने कहा कि जमीनी आक्रमण हमें डराता नहीं है। हम इजरायल को जवाब देने के लिए तैयार हैं। कसाम की ओर से इस प्रतिक्रिया के बाद सवाल उठ रहा है कि इजरायल से लड़ने का दम भर रही हमास की ये विंग बहुत खतरनाक है। विश्लेषकों का कहना है कि जमीनी लड़ाई में कसाम के लड़ाके सुरंगों के नेटवर्क का इस्तेमाल करके इजरायली सैनिकों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।

जानकार बताते हैं ‎कि हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया यानी हमास का गठन शेख अहमद यासीन ने 1987 में मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड की एक शाखा के तौर पर किया था। हमास के गठन के कुछ साल में ही इसकी लोकप्रियता फिलीस्तीन में हो गई। इसके बाद इसकी एक आर्मी विंग बनाने का फैसला लिया गया। हमास ने फिलिस्तीन पर इजरायली कब्जे के खिलाफ सशस्त्र लड़ाई लड़ने के लिए 1992 में अपनी सैन्य इकाई कसाम ब्रिगेड की स्थापना की। जिसका नाम सीरियाई स्वतंत्रता सेनानी एजेदीन अल-कसम से लिया गया है। कसाम ब्रिगेड को गाजा के सबसे बड़े और सबसे सुसंगठित सशस्त्र समूह के तौर पर जाना जाता है। कसाम का सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ और डिप्टी कमांडर मारवान इस्सा है। कसाम ब्रिगेड अपने गठन के बाद से ही इजरायल के खिलाफ हमलों को अंजाम देता रहा है।

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