बुरहानपुर । मध्यप्रदेश में भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और खंडवा के दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बुरहानपुर विधानसभा से भाजपा से दावेदारी पेश की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया। जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय ले लिया है। एक दिन पहले निर्दलीय के रूप में नामांकन फॉर्म भी बुलवा लिया था। हर्षवर्धन का कहना है कि निमाड़-मालवा में नंदू भैया ने पार्टी को सींचा, लेकिन पार्टी ने उनके साथ पक्षपात किया। अब निर्दलीय चुनाव लडूंगा। चौहान को मनाने अब तक किसी वरिष्ठ नेता का फोन नहीं आया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद रहे स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान ने सोमवार देर रात निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। जिसके बाद बुरहानपुर विधानसभा सीट में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
हर्षवर्धन के बयान का एक और वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमे वे कहते हुए नज़र आ रहे है की अब भाजपा का कोई नेता जन भावनाओं को दबा नहीं सकता। उन्होंने कहा कि जब सवाल जन भावनाओं का हो तो निर्दलीय चुनाव लड़ना गलत नहीं होता। भाजपा द्वारा अर्चना चिटनीस को टिकट दिए जाने पर बीजेपी के पूर्व सांसद और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन चौहान सहित बुरहानपुर के पूर्व नगर निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला ने खुल कर विरोध किया है। रविवार शाम भोपाल से बुरहानपुर पहुंचे हर्षवर्धन चौहान का उनके समर्थकों ने जमकर स्वागत किया, साथ ही उन्होंने पार्टी से मांग की है कि टिकट में परिवर्तन करते हुवे हर्षवर्धन सिंह को दिलाया जाये अन्यथा उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ाया जायेगा। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह लगातार दूसरी बार निमाड़ के साथ फरेब हुआ है, लगातार दूसरी बार धोखे में रखा गया है। इसके साथ ही बीजेपी प्रत्याशी अर्चना चिटनीस पर निशाना साधते हुवे उन्होने कहा कि पहले ही इनके (आला कमान) द्वारा कहा गया था कि हारे हुए कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया जाएगा, वह भी जो निर्दलीय से हारे हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप हैं। ऐसे लोगों को टिकट मिल गया है। हालांकि आगे की रणनीति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अभी तो शहर में आए ही हैं। अब समर्थकों से चर्चा करेंगे और वे तो जनता के सेवक हैं, और जो जनता कहेगी वही वे करेंगे। वहीं निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने एक बार फिर से कहा कि अगर जनता चाहेगी तो वह जरूर वही करेंगे जो जनता कहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक उन्हें मनाने के लिए किसी वरिष्ठ नेता का फोन नहीं आया है, और ना ही उन्होंने किसी से बात करना उचित समझा।