वाशिंगटन। हमास के आतंक और बर्बरता की कोई सीमा नहीं है। दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन हमास ने दो अमेरिकी नागरिकों को बंधक बना लिया था। 14 दिन तक आतंकियों के कब्जे में रही अमेरिकी मां-बेटी को काफी कष्ट सहना पड़े। उनकी तकलीफ और यातनाओं से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन काफी व्यथित हैं। उन्होंने बंधक बनाई गई एक अमेरिकी महिला और उसकी किशोर बेटी की रिहाई सुनिश्चित करने में कतर और इजराइल की सरकारों के सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया। बाइडन ने रिहा किए गए दोनों बंधकों और उनके परिवार से फोन पर बात की। राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, ‘‘इजराइल के खिलाफ सात अक्टूबर को भयावह आतंकवादी हमले के दौरान हमास द्वारा बंधक बनाई गईं दो अमेरिकी नागरिकों की आज हमने रिहाई सुनिश्चित की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे साथी नागरिकों ने पिछले 14 दिनों में एक भयावह कष्ट का सामना किया है और मुझे बहुत खुशी है कि वे जल्द अपने परिवार से फिर से मिलेंगी, जो डर से टूट गए हैं। इन व्यक्तियों और उनके परिवार को इस सदमे से उबरने में अमेरिका सरकार का पूरा समर्थन मिलेगा और इस समय हम सभी को उनकी निजता का सम्मान करना चाहिए। मुक्त कराई गई मां-बेटी हमास द्वारा रिहा किए जाने वाले बंधकों में से पहली थीं और 200 से अधिक लोग अब भी बंधक हैं। बाइडन ने कहा कि हमले के शुरुआती क्षण से उनका प्रशासन हमास द्वारा बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे काम कर रहा था और उसने अब भी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने का प्रयास बंद नहीं किया है।
वहीं, खबर के अनुसार, बाइडन ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमास के इजराइल पर हमला करने के कारणों में से एक यह भी हो सकता है कि… वे जानते थे कि मैं सऊदी के साथ बैठक करने वाला हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि उन्हें लगता है कि हमास के आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को घातक हमला इसलिए किया क्योंकि सऊदी इजराइल को मान्यता देना चाहता था और वे औपचारिक रूप से ऐसा करने में सक्षम होने के करीब थे। यरुशलम और रियाद लगातार रिश्ते सामान्य करने की दिशा में करीब पहुंच रहे थे और बाइडन दोनों देशों को साथ लाने में मदद करने के लिए काम कर रहे थे। अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि ‘‘हमास द्वारा सात अक्टूबर को बंधक बनाए गए दो अमेरिकी नागरिकों को इजराइल के अधिकारियों के हाथ में सुरक्षित सौंप दिया गया। उन्होंने दोनों बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कतर सरकार का धन्यवाद किया।