नई दिल्ली। भारत की खुफिया एजेंसी की आतंरिक सुरक्षा चेतावानी के बाद पूरे भारत में विदेशियों को लेकर हलचल शुरू हो गई है। इसमें खास तौर पर नेपाली पासपोर्ट पर भारत आए चीनियों की पहचान शामिल है। राजस्थान पत्रिका ने 18 अक्टूबर के अंक में इस बात का खुलासा भी किया था कि किस तरह से चीनी नेपाली पासपोर्ट के माध्यम से भारत में घात लगा रहे हैं। चीनियों के साथ ही रोहिंग्या भी अब खुफिया एजेंसियों के निशाने पर हैं।
इस संदर्भ में भारत के सबसे संवेदनशील राज्य ने कार्रवाई शुरू की है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को 1 जनवरी 2011 से केंद्र शासित प्रदेश में अवैध विदेशियों की पहचान करने के लिए एक पैनल का गठन किया। जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने जनवरी 2011 से अवैध रूप से/अधिक समय तक रहने वाले विदेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए वित्तीय आयुक्त/अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।
यह पैनल जम्मू-कश्मीर में लापता विदेशियों की एक मासिक रिपोर्ट तैयार करेगा और उसे हर महीने की सात तारीख तक गृह मंत्रालय को सौंपेगा। इसमें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी, आव्रजन ब्यूरो, अमृतसर (पंजाब), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीआईडी, विशेष शाखा, जम्मू, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीआईडी, विशेष शाखा, श्रीनगर, सभी जिला एसएसपी/एसपी (एफआरओ) और राज्य समन्वयक, आप्रवासन वीज़ा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग जम्मू और कश्मीर शामिल हैं।