दोषियों की रिहाई के कागजात 16 अक्टूबर तक जमा कराने के निर्देश

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिलकिस बानो केस में सुनवाई पूरी की लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट में दोषियों को मिली छूट के खिलाफ अर्जी दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, गुजरात को बिलकिस बानो मामले में दोषियों की सजा माफी से संबंधित मूल रिकॉर्ड 16 अक्टूबर तक जमा करने का निर्देश दिया। इस केस में 11 दिनों तक कोर्ट ने केंद्र सरकार, याचिकाकर्ता, गुजरात सरकार और बिलकिस बानो के वकीलों की दलीलें सुनीं।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने बिलकिस बानो के वकील और केंद्र, गुजरात सरकार और जनहित याचिका के याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के 11 दोषियों की सजा माफ करने को दी चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। गुजरात सरकार की ओर से दोषियों को दी गई छूट को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका के अलावा सीपीआई (एम) नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लौल और लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा सहित कई अन्य जनहित याचिकाएं भी दायर की गई थीं। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी दोषियों को सजा में छूट और समय से पहले रिहाई के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है।

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