दिल्ली । पीएफआई से जुड़े लोगों पर एनआईए ने बुधवार को सुबह ताबड़तोड़ छापेमारी की। देशभर के अनेक स्थानों पर एक साथ हुई छापेमारी से हड़कंप मच गया। ‎मिली जानकारी के अनुसार प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार तड़के ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई की । जांच एजेंसी एनआईए ने महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडू सहित देशभर में 20 जगहों पर की रेड मारी है। एनआईए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर सहित कई लोकेशन पर छापेमारी की गई, जिसमें पुरानी दिल्ली के थाना हौज़ क़ाज़ी इलाक़े का बल्ली मारान भी शामिल है। इसके साथ ही सेंट्रल दिल्ली के हौजकाजी इलाके में स्थित मुमताज बिल्डिंग में छापेमारी की गई है। इस इमारत में एक पब्लिकेशन हाउस चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पब्लिकेशन हाउस में छपने वाली किताबों की जानकारी और प्रिंट की छानबीन की जा रही है।

बताया जया रहा है ‎कि मुमताज बिल्डिंग 4 मंजिल वाली काफी बड़ी बिल्डिंग है, जहां पर एनआईए की टीमें दिल्ली पुलिस के साथ मौजूद हैं। इस पब्लिकेशन हाउस में रोजाना एंट्री रजिस्टर, फंडिंग डिटेल्स और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि इस पब्लिकेशन में धार्मिक किताबें भी छपती हैं। वहीं राजस्थान के टोंक, कोटा, गंगापुर में भी देर रात से एनआईए की छापेमारी जारी है, जहां से कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। बिहार की राजधानी पटना से सटे फुलवारी शरीफ वाले मामले से जुड़ी यह छापेमारी की गई है। आरोप है कि फुलवारी शरीफ में पीएफआई से जुड़े लोगों द्वारा कथित रूप से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के मकसद से ट्रेनिंग दी जा रही थी। जांच एजेंसी द्वारा इसी मामले में तनवीर रजा उर्फ बरकती और मोहम्मद आबिद उर्फ आर्यन को गिरफ्तार किया गया था।
महाराष्ट्र में भी कई जगहों पर बुधवार सुबह से ही छापेमारी चल रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एनआईए अधिकारियों की एक टीम मुंबई के विक्रोली इलाके में अब्दुल वाहिद शेख के आवास पर पहुंची है। शेख 7/11 मुंबई ट्रेन विस्फोट का बरी किया गया आरोपी है। वहीं पीएफआई मामले में एनआईए मदुरै के कई इलाकों में छापेमारी भी कर रही है। इससे पहले सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय ने केरल के चार जिलों- त्रिशूर, एर्नाकुलम, मलप्पुरम और वायनाड में पूर्व पीएफआई कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी की थी। पिछले साल केंद्र सरकार ने पीएफआई को पांच सालों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद इस संस्था से जुड़े करीब साढ़े तीन सौ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

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