पश्चिमी अफगानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंप में मरने वाले लोगों की संख्या 2 हजार तक पहुंच गई है। तालिबान के प्रवक्ता ने बताया कि 465 मकान जमींदोज हो गए हैं और 135 क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका की खबरों के बीच तलाश व बचाव अभियान के कारण मृतकों की संख्या बढ़ने का अनुमान। आपदा प्राधिकरण के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल्ला जन ने बताया कि भूकंप और उसके बाद आए झटकों का सबसे ज्यादा असर हेरात प्रांत के 4 गांवों पर पड़ा है।

 

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केंद्र हेरात से करीब 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। इसके बाद 6.3, 5.9 और 5.5 तीव्रता के 3 झटके महसूस किए गए। इस क्षेत्र में 7 भूकंप आए हैं। हेरात के रहने वाले अब्दुल समदी ने कहा कि भूकंप इतना घातक था कि लोग अपने घरों से बाहर आ गए। इसी वजह से सभी घर और दुकानें खाली हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि उसने घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 12 एंबुलेंस भेजी हैं। भूकंप से टेलीफोन लाइन ठप हो गई हैं। सोशल मीडिया पर दिख रहा है कि लोग घरों के बाहर सड़कों पर हैं। तालिबान ने इस भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। पिछले दो दशकों में आया यह सबसे तगड़ा भूकंप है। सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल वाहिद रेयान ने कहा कि हेरात में भूकंप से मरने वालों की जो संख्या बताई जा रही है वह आंकड़ों से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि करीब 6 गांव नष्ट हुए हैं और सैकड़ों लोग मलबे में दबे हैं। इससे पहले पिछले साल अफगानिस्तान में पाकिस्तान सीमा के करीब भूकंप आया था।

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