इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार ने अफगानियों सहित सभी अवैध अप्रवासियों को पाकिस्तान छोड़ने या निर्वासन का सामना करने का अल्टीमेटम दिया है। पाकिस्तान ने बिना दस्तावेज वाले विदेशी नागरिकों को 31 अक्टूबर तक देश छोड़ने को कहा है। ऐसा नहीं करने वालों का निर्वासन और उनकी संपत्ति जब्त करने का काम 1 नवंबर से शुरू होगा। यह फैसला नेशनल एक्शन प्लान की टॉप कमेटी की बैठक में लिया गया। इसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने की। पाकिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने बैठक के बाद फैसले की घोषणा कर कहा कि ‘सभी अवैध अप्रवासियों के पास पाकिस्तानी छोड़ने के लिए 28 दिन का वक्त है।

सूत्रों से पता चला है कि बिना दस्तावेज वाले विदेशियों को बाहर निकालने के अभियान में ज्यादातर अफगानों को निशाना बनाया जाएगा। बैठक में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, संघीय सरकार के मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक बैठक में अवैध अप्रवासियों के स्वामित्व वाले व्यवसायों और संपत्तियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने का फैसला हुआ। समिति ने फैसला लिया कि सीमा पार आवाजाही केवल वीजा और पासपोर्ट के आधार पर होगी और अफगान नागरिकों को उनके पहचान पत्र के आधार पर 31 अक्टूबर तक आवाजाही की अनुमति दी जाएगी।

 

पाकिस्तान के कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती ने बताया कि लगभग 17.3 लाख अफगान बिना रजिस्ट्रेशन के पाकिस्तान में रह रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जनवरी से देश में हुए 24 आत्मघाती हमलों में से 14 अफगान नागरिकों ने अंजाम दिए थे। बुगती ने कहा कि ई-तजकिरास 10-31 अक्टूबर तक कबूल होगा। जिसके बाद वीजा और पासपोर्ट नीति को कड़ाई से लागू होगा।

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