लंदन। लंदन में भारतीय उच्चायोग में हुई हिंसा के प्रमुख सूत्रधार अवतार सिंह खांडा, जिनकी इस साल मौत हुई हैं, के परिवार ने औपचारिक जांच की मांग की है। परिवार और सिख फेडरेशन यूके की ओर से यह अनुरोध तब आया जब खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर भारत विरोध प्रदर्शन किया। यह नई दिल्ली और ओटावा के बीच राजनयिक विवाद से भी संबंधित माना जा रहा है।

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच के आह्वान का नेतृत्व बैरिस्टर माइकल पोलाक कर रहे हैं, जिन्होंने आरोप लगाया कि ब्रिटिश पुलिस को समझना चाहिए था कि खांडा संभावित रूप से खतरे में था। पोलाक ने कहा कि वह निश्चित रूप से यह नहीं कह सकते कि खांडा की मौत के पीछे भारत का हाथ था, लेकिन परिस्थितियों के तहत स्पष्ट रूप से जांच की आवश्यकता है।

 

इस साल 15 जून को अचानक बीमारी के कारण बर्मिंघम के एक अस्पताल में भर्ती करने के बाद खांडा की मृत्यु हो गई। मृत्यु का आधिकारिक कारण, जिसे पोस्टमार्टम में घोषित किया गया, तीव्र माइलॉयड ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) था। उनके परिवार ने कहा कि उन्हें न मेडिकल रिकॉर्ड मिले हैं और न ही काई सबूत मिले हैं जो ल्यूकेमिया के निदान का समर्थन करते हों।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मां, जो गृह कार्यालय द्वारा कथित तौर पर वीजा देने से इनकार करने के बाद अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाईं, ने कहा कि उनका मानना ​​है कि खांडा को जहर दिया गया था। खांडा गिरफ्तार वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह का हैंडलर भी था और दीप सिद्धू की मौत के बाद उस स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी।

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