भोपाल। विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरह कांग्रेस सीधे अपने सीनियर नेताओं को चुनावी मैदान में नहीं फंसायेगी। कांग्रेस का मानना है कि यदि टाप सीनियर नेताओं को ही विधानसभा चुनाव लड़ा दिया तो उनका प्रचार अभियान प्रभावित होगा। इसके अलावा कांग्रेस भी अपने विभिन्न शासन वाले प्रदेशों के मुख्यमंत्री व मंत्रियों को भी मध्यप्रदेश में बुला रही हैं। इसके लिये कांग्रेस आलाकमान उनकी चुनावी व्यूहरचना तैयार कर रहा है।

भाजपा ने जिस तरह से मध्यप्रदेश में अपने सीनियर और शीर्षस्थ नेताओं को उतारकर सबको चैंका दिया है उससे विधानसभा स्तर पर भाजपाई भले ही खुश हो, लेकिन पूरे प्रदेश में इन सीनियर नेताओं को जहां प्रचार अभियान व सभाओं के लिये भेजा जाना था वहां भी गति रूक गई है। इससे पूरे प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपाई सुस्त हो गये हैं। इसी को देखते हुये अब कांग्रेस ने अपने 4-5 प्रदेश के दिग्गज व सीनियर नेताओं को चुनावी मैदान में उतरने से रोकने का मन बनाया है।
कांग्रेस आलाकमान का सोचना है कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जैसे दिग्गज नेताओं को विधानसभा में उतारा गया तो चुनावी प्रचार का गणित प्रभावित होगा और कार्यकर्ताओं में भी जोश थमेगा। चुनावी मैदान में नहीं उतरने से कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रदेशभर में प्रचार पर पूरा ध्यान देंगे और बाद में सरकार बनने पर कहीं से भी उपचुनाव लड़ा देंगे। वैसे स्वयं कमलनाथ सहित दिग्विजय सिंह भी सरकार बनाने के लिये प्रचार अभियान पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

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