दिल्ली । भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को नई दिल्ली में होने जा रही है। मप्र, छग, राजस्थान और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर इसमें फैसला लिया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ समिति के अन्य सदस्य इसमें शामिल होंगे। मप्र में भाजपा अभी तक 79 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। शनिवार को शेष 151 नामों पर चर्चा होगी। सूत्रों का कहना है कि पार्टी मप्र में कुछ और सांसदों को टिकट दे सकती है, वहीं छग, राजस्थान में भी सांसदों को विधानसभा लड़ाया जा सकता है। वहीं कहा जा रहा है कि पार्टी नाम भले ही तय कर ले, लेकिन सूची पितृपक्ष के बाद ही जारी की जाएगी। उधर, कांग्रेस को भी भाजपा की सूची का इंतजार है।
इसके पहले भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 13 सितंबर को हुई थी, जिसमें मप्र और छत्तीसगढ़ चुनाव को लेकर चर्चा हुई। इसमें मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी शामिल रहे। भाजपा ने मप्र विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची 17 अगस्त को जारी की थी जिसमें 39 नामों की घोषणा की गई थी। इस बीच भाजपा ने 25 सितंबर को मप्र चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की जिसमें 39 नामों की घोषणा की गई। इस सूची में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल को भी उम्मीदवार बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को दिमनी और प्रहलाद पटेल को नरिंहपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास विधानसभा सीट पर उतारा गया है।
आईबी की रिपोर्ट से डरी भाजपा: तन्खा
उधर, राज्य सभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा का कहना है कि विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने जो दो सूची जारी की है, वह काफी चौंकाने वाली है। कहीं ना कहीं भाजपा इस चुनाव में डरी हुई है। क्योंकि आईबी की रिपोर्ट ने भी बताया है कि भाजपा की स्थिति ठीक नही है। आईबी की रिपोर्ट के बाद से भाजपा डरी हुई है। तभी से भाजपा के शीर्ष नेताओं को चुनाव में उतारा जा रहा है।
60 विधायकों के कट सकते हैं टिकट !
भाजपा सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कराए गए सर्वे में कई मंत्रियों सहित तकरीबन 60 विधायकों की स्थिति चिंताजनक है। ऐसे में भाजपा की चौथी सूची चौंकाने वाली हो सकती है। इस सूची में मंत्रियों और मौजूदा विधायकों के नामों पर फैसला होगा। भाजपा सूत्रों के अनुसार इसमें पार्टी गुजरात फार्मूले पर दर्जनभर मंत्रियों सहित 60 मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है। इसके साथ पार्टी तीन वरिष्ठ मंत्रियों के टिकट काटकर उनको घर बैठा सकती है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी ने सिंधिया के करीब छह मंत्रियों सहित प्रदेश के दर्जन भर मंत्रियों के टिकट काटने की तैयारी कर ली है। इसमें पार्टी ने कई तीन वरिष्ठ मंत्रियों के टिकट काटकर उन्हें घर बिठाने का मन बना लिया है, जिनकी राज्य सरकार में तूती बोलती है। जिन्हें सपने में अंदाज नहीं कि, उनका टिकट सकता है। इसके साथ पार्टी भाजपा हाईकमान की सर्वे रिपोर्ट में खराब परफारमेंस वाले 50 विधायकों के टिकट काट सकती है। इसके अलावा पार्टी तीन बार के 25 से 30 विधायकों को घर बिठाकर, नए युवा चेहरों को विधानसभा चुनाव में उतारने की तैयारी में है।
टिकट काटने का आधार
भाजपा सूत्रों के अनुसार भाजपा हाईकमान को आधा मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी तमाम शिकायतें मिली हैं। जिसकी वजह से जनता के बीच पार्टी और सरकार दोनों की छवि खराब हुई है। भाजपा हाईकमान को डर है कि यदि इन मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में उतारा गया, तो पार्टी का बड़ा नुकसान हो सकता है। इसके अलावा इन मंत्रियों की कार्यशैली को लेकर कार्यकर्ता पार्टी हाईकमान को लगातार शिकायतें पहुंचाते रहे हैं।
सिंधिया करीबी मंत्रियों का विरोध
पार्टी सूत्रों के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी आधा दर्जन मंत्रियों की कार्यशैली और गतिविधियों को लेकर उनके क्षेत्र के पुराने भाजपा नेता और कार्यकर्ता लगातार विरोध करते रहे हैं। इन मंत्रियों के खिलाफ भाजपा के पुराने नेताओं-कार्यर्ताओं की लगातार उपेक्षा के साथ चारित्रिक हनन किए जाने की शिकायतें भी भाजपा हाईकमान तक पहुंची हैं, जिन्हें भी भाजपा हाईकमान ने गंभीर से लिया है। यह भी इन सिंधिया समर्थित मंत्रियों के टिकट काटे जाने की बड़ी वजह हो सकती है।