नई दिल्ली। एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक जल्द ही भारत में अपनी ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस शुरू कर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी को अगले महीने सरकार की तरफ से ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन (जीएमपीसीएस) के लिए लाइसेंस मिल जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टार‎लिंक को ऑपरेट करने वाली मस्क की सैटेलाइट कंपनी स्पेस एक्स ने डेटा ट्रांसफर और स्टोरेज का प्रोसेस, सैटेलाइट की लोकेशन, भारत में ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइड करने के प्लान जैसे सभी रेगुलेटरी जरूरतों का काम पूरा कर लिया है। दूरसंचार मंत्रालय से स्टारलिंक को भारत में ब्रॉडबैंक सर्विस प्रोवाइड करने की परमिशन अगले महीने मिल सकती है। बता दें कि सैटेलाइट कंपनी स्टारलिंक करीब एक महीने से भी ज्यादा समय से भारत में अपनी सर्विस शुरू करने की कोशिश कर रही है लेकिन कुछ कारणों की वजह से इसे गृह मंत्रालय से परमिशन नहीं मिल पा रही थी।

खबर के मुताबिक, मंत्रालय सैटेलाइट द्वारा ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन सर्विस लाइसेंस के लिए स्टार‎लिंक के प्रपोजल को मान सकता है और उम्मीद है कि लाइसेंस अगले महीने पास हो जाएगा। स्पेसएक्स को इस दौरान, दूरसंचार मंत्रालय, गृह मंत्रालय और अंतरिक्ष मंत्रालय से मंजूरी लेनी पड़ेगी। ‎जिएमपीसीएस के बाद स्टारलिंक को सरकार के कई विभागों और भारत के स्पेस मिनिस्ट्री से मंजूरी लेनी पड़ेगी। इसके बाद कंपनी अपने ऑपरेशन को देशभर में शुरू कर सकती है। वर्तमान में, मुकेश अंबानी की ‎‎जियो और सुनील मित्तल समर्थित वन वेब के पास भारत में जीएमपीसीएस लाइसेंस हैं। ‎जियो की साझेदारी लक्जमबर्ग की कंपनी एसईएस के साथ है। जेफ बेजोस के पास भी ‘कुइपर’ नाम का इसी तरह का एक प्रोजेक्ट है, लेकिन यह अभी तक भारत में नहीं आया है।

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