सीधी।  मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी गई है। लिस्ट के अनुसार बीजेपी ने सात सांसदों को टिकट दिया है, जिसमें तीन केंद्रीय मंत्री हैं। इसके साथ साथ बीजेपी ने सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटकर लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहीं और वर्तमान सांसद रीती पाठक को टिकट कर दिया है।राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने इस सा चुनाव में खिलाड़ियों को न उतारकर सीधे कोच को मैदान में उतार दिया है।

पत्रकारों को नंगा  करके पिटवाने का आरोप
आम जनता जब किसी को वोट देती है और चुनाव जिताकर उसे जनप्रतिनिधि बनाती है तो दिमाग को ठंडा रखकर काम करना चाहिए। लेकिन कुछ लोगों के दिमाग में सत्ता की गर्मी चढ़ जाती हैं, जिनका हाल कुछ इसी तरह से होता है। ऐसी ही गर्मी भारतीय जनता पार्टी के सीधी जिले से  विधायक केदारनाथ शुक्ला के दिमाग पर चढ़ गई थी। जिसका खामियाजा उन्हें अपना टिकिट गंवा कर चुकाना पड़ा है। बीजेपी ने उनका  टिकट काट दिया है। कथित तौर पर इनके ऊपर पत्रकारों को नंगा करके थाने में पिटवाने का आरोप लगा था, जिसके बाद में थाना प्रभारी को आननफानन में सस्पेंड भी किया गया था और इसकी चर्चा देशभर में हुई थी। इसके बाद मैं इनके एक समर्थक के ऊपर आदिवासी के मुँह में पेशाब करने का भी आरोप लगा था।इसके बाद देशभर में किरकिरी हुई थी।
पेशाब कांड में उछला था नाम
चाहे पत्रकारों को थाने में नंगा करके पिटवाने की बात हो या आदिवासी के मुँह में पेशाब कांड की।दोनों ही कांडों में सीधी के विधायक केदारनाथ शुक्ला का नाम बखूबी उछला था। बताते चलें की अब इनके टिकट को काटकर लोकसभा सांसद रीती पाठक को उम्मीदवार बनाया गया है।
डैमेज कंट्रोल की की जा रही है कोशिश
 राजनीतिक विश्लेषकों के द्वारा बताई गई बातों की मानें तो बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटकर सीट पर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि पेशाब कांड और पत्रकारों को नंगा करके पिटवाने  वाले कांड जिससे की चड्ढी कांड के नाम से जाना जा रहा है।दोनों में विधायक का नाम जमकर।उछला था अगर इन्हें टिकट दिया जाता है तो जनता के बीच में जो इनके प्रति जो नाराजगी है उसका असर साफ इनके हार के रूप में दिखता। आखिर इस टिकट से किसको फायदा मिलेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल राजनीति के चाणक्य का ये मानना है कि इन्हें इसी कारण टिकट नहीं दिया गया।
तीन बार से विधायक हैं केदारनाथ शुक्ला
सीधी जिले में केदारनाथ शुक्ला की गिनती वरीष्ठ नेताओं में की जाती हैं। इतना ही नहीं वो लगातार तीन बार से विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार रहे कमलेश्वर प्रसाद द्विवेदी को करीब 20,000 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। वहीं जिन दो और विधेयकों का टिकट कटा है उनमें नारायण त्रिपाठी जो कि हमेशा भारतीय जनता पार्टी की बगावत करते रहे हैं और वर्तमान में मैहर की मौजूदा विधानसभा सीट से विधायक हैं। वहीं इनके जगह पर बीजेपी के द्वारा श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दिया गया है।

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