आगरा। आगरा के दयालबाग में खेतों के रास्तों से गेट और दीवार हटाने के बाद से ही सत्संगियों ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया था। सोशल मीडिया पर मैसेज प्रसारित किया गया कि पुलिस प्रशासन की कार्रवाई असांविधानिक है। रविवार शाम को जब पुलिस बल दोबारा अतिक्रमण हटाने पहुंचा तो खेतों से लेकर कॉलोनियों की छतों पर सत्संगी इकट्ठे हो गए। उनकी जुबां पर जाप, आंखों में आग और हाथों में हथियार थे।

आगरा में सत्संगियों की रणनीति के आगे रविवार को पुलिस नाकाम हो गई। नतीजा यह हुआ कि 15 मिनट में 3 बार पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ। कील लगे डंडे तक मारे गए। एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार सहित 10 पुलिस वाले घायल हुए। अधूरी तैयारी ने अफसरों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया।
शनिवार को कब्जा हटाने के बाद रात में दुबारा गेट बना लिए गए थे, तारबंदी कर दी गई थी। रविवार को पुलिस, प्रशासन की टीम पहुंची लेकिन तैयारी अधूरी थी। भगवान टॉकीज पर रास्ता रोक दिया गया था। बैरियर लगाकर वाहनों को रोका जा रहा था। पुलिसकर्मियों पर कील लगे डंडे मारे। ईंट-पत्थर से हमला बोला गया। स्पीकर से एनाउंस कर पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराया गया। हर बार पुलिस पीछे हटती गई। बाद में लौटने का फैसला किया।

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