इन्दौर : इन्दौर के बहुप्रतीक्षित मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट ने सफलता का एक और कदम बढ़ाते ट्रायल कोच वायडक्ट, रैंप पर होकर मेट्रो स्टेशन तक पहुंचे। मेट्रो कोच ने आने व जाने के दौरान करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय की और इस तरह पहली बार इन्दौर पहली बार मेट्रो का डायनामिक टेस्ट किया गया। यह डायनामिक टेस्ट गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर स्टेशन नंबर 3 तक ट्रायल रन के 5.9 किलोमीटर के हिस्से में चलाया गया।

 

दिल्ली से मेरठ रुट पर चलने वाले रीजनल रैपिड ट्रांजिक्ट सिस्टम (आरआरटीएस) के अंतर्गत 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने वाली सेमी हाई स्पीड मेट्रो ट्रेन को चलाने वाले ट्रेन ऑपरेटर सागर डांड ने इदौर में मेट्रो कोच को पहली बार रैंप व वायडक्ट पर पहुंचाया और अब सागर डांड ही ट्रायल रन होने तक मेट्रो कोच के ड्राइवर की भूमिका में रहेंगे। उसके बाद मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि.कंपनी अपना ट्रेन ऑपरेटर नियुक्त करेगी। बुधवार को जैसे ही कोच प्लेटफार्म पर पहुंचे मेट्रो के इंजीनियर व स्टेशन का निर्माण कर रहे मजदूरों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर स्टेशन नंबर 3 तक ट्रायल रन के 5.9 किलोमीटर के हिस्से में मेट्रो कोच चलाया गया। हर प्लेटफार्म पर कोच के पहुंचने पर उसके गेट की मार्किग व प्लेटफार्म से दूरी का आकलन किया गया।

 

मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि. के डायरेक्टर सिस्टम शोभित टंडन के अनुसार बुधवार को पहली बार मेट्रो कोच वायडक्ट, रैंप पर होकर मेट्रो स्टेशन तक पहुंचे। मेट्रो कोच ने आने व जाने के दौरान करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय की। अभी और करीब तीन से चार बार कोच को डिपो से स्टेशन तक लाकर टेस्टिंग की जाएगी। डायनामिक टेस्ट के तहत मेट्रो कोच की फिटनेस व ट्रैक की फिटनेस परीक्षण भी हुआ। 8 से 9 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलते हुए मेट्रो कोच 6 मिनट में गांधी नगर स्टेशन तक पहुंची। रैंप व वायडक्ट पर मेट्रो को चलाने के दौरान कोच में कोच तैयार करने वाली कंपनी के इंजीनियर, टेक्नीशियन व ट्रेक स्टाफ सहित करीब 15 लोगों की टीम थी।

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