मध्य प्रदेश की तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में मांधाता पर्वत पर एकात्म धाम का निर्माण किया जा रहा है। यहां आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची बहुधातु प्रतिमा का अनावरण किया जाना है। 18 सितंबर को सीएम शिवराज सिंह चौहान देश भर के साधु-संतों की उपस्थिति में प्रतिमा का अनावरण करेंगे। 15 से 19 सितम्बर तक देश के विख्यात साधु-संतों द्वारा वैदिक रीति के पूजन तथा 21 कुंडीय हवन किया जाएगा। कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन में तैयारी शुरू कर दी है। प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम में मांधाता पर्वत पर सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम के 7:00 बजे तक 11 से 19 सितंबर तक प्रतिदिन प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण होगा तो वहीं 15 से 19 सितंबर तक देश के विख्यात साधु-संतों द्वारा वैदिक रीति के पूजन तथा 21 कुण्डीय हवन किया जायेगा। इस दौरान 18 सितंबर को मांधाता पर्वत पर सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची एकात्मता की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम होगा।

ओंकारेश्वर में प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम में देश भर से आने वाले संतों का स्वागत केरल की पारंपरिक पद्धति के अनुसार किया जाएगा। तो वहीं मुख्यमंत्री वैदिक यज्ञ अनुष्ठान में आहुति भी देंगे। अनावरण कार्यक्रम में देशभर के शैव परंपरा के नृत्यों की प्रस्तुतियां भी होंगी। वेदोच्चार तथा शंखनाद भी कार्यक्रम में होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पंचायतन पूजा की जाएगी, इसके बाद वे आचार्य शंकर की एकात्मता की मूर्ति के चरणों में पुष्पाजंलि अपर्ति कर भोजन प्रसादी के कार्यक्रम में शामिल होंगे। बता दें कि इस स्थान के भोजन प्रसादी स्थल को अन्नपूर्णा नाम दिया गया है। प्रतिमा अनावरण के दिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक संत समागम का कार्यक्रम होगा। यह कार्यक्रम सिद्धवरकूट पर आयोजित किया गया है। इस समागम में देश के प्रख्यात लगभग तीन हजार साधु-संत-संन्यासी तथा एक हजार विद्वतजन शामिल होंगे।
जिसके बाद 19 सितंबर को शाम 6 बजे पारायण की पूर्णता तथा हवन की पूर्णाहुति होगी। 18 सितंबर को शंकर संगीत की प्रस्तुति के साथ ही दोपहर दो बजे से दोपहर 2.25 बजे तक शिवोहम आचार्य शंकर के स्त्रोतों पर एकाग्र समवेत नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। दोपहर 2.25 बजे से शाम 5 बजे तक संत विमर्श का कार्यक्रम ब्रह्मोत्सव होगा। शाम 5 बजे से 5.10 बजे तक पुनः शंकर संगीत की प्रस्तुति होगी तथा शाम 5.10 बजे से शाम 6 बजे तक संत विमर्श का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इन सभी कार्यक्रमों में देश के प्रमुख साधु-संतों के साथ ही सभी पीठों के शंकराचार्यों को भी निमंत्रण दिया गया है। कार्यक्रम को लेकर इंदौर कमिश्नर मालसिंह ने बताया है कि इन आयोजनों की व्यापक तैयारियां जारी हैं। साधु-संतों, विद्वतजनों और अन्य अतिथियों के आवास, भोजन, परिवहन आदि के लिए भी इंतजाम किए जा रहे हैं।
इंदौर और खंडवा के रेल्वे स्टेशनों तथा इंदौर एयरपोर्ट पर अतिथियों के स्वागत सत्कार के लिए सूचना केन्द्र बनाएं जा रहे हैं। इसके साथ ही ओंकारेश्वर को विशेष रूप से सजाया और संवारा जा रहा है। आयोजन के दौरान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पर भी फूलों आदि से विशेष साज-सज्जा की जाएगी। मांधाता पर्वत पर अंकित ओम पर 20 सितंबर तक प्रतिदिन काकड़ादीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। ओंकारेश्वर, खंडवा और इंदौर में कंट्रोल रूम भी बनाए जाएंगे। आयोजन के दौरान भोजन और पेयजल की व्यवस्था दोना, पत्तल, कुल्लड़ आदि में भारतीय पद्धति से आयोजन के दौरान रहेगी। भोजन भी पूर्ण रूप से शुद्ध और सात्विक होगा। ओंकारेश्वर में पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। आयोजन के दौरान इंदौर से ओंकारेश्वर तथा खंडवा से ओंकारेश्वर आने-जाने के लिए यातायात की भी विशेष व्यवस्था की जा रही है। अनावरण कार्यक्रम का प्रसारण ओंकारेश्वर में जगह-जगह एलईडी के माध्यम से किया जायेगा। समूचे आयोजन में प्रासंगिक प्रस्तुतियां का समावेश होगा।

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