भोपाल । विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिस तरह से BJP के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने म प्र भाजपा का स्टेयरिंग संभाला था, उससे लग रहा था कि अब मध्यप्रदेश भाजपा के नए तेवर दिखाई देगी और पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में सत्ता-संगठन को लेकर जो असंतोष है, वह समाप्त हो जाएगा। लेकिन बावजूद लगभग हर दिन किसी न किसी नेता का भाजपा से मोहभंग हो रहा है। पिछले तीन महीने में 50 से ज्यादा बड़े नेता-वरिष्ठ कार्यकर्ता भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस में जा चुके हैं। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा प्रदेश में अलग-अलगं पांच जन आशीर्वाद यात्राएं निकाल रही है।

PM नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, अनुराग ठाकुर फग्गन सिंह कुलस्ते, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित तमाम दिग्गज नेता इस जनआशीर्वाद के जरिए पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में जोश भरने और जनता का दिल जीतने के लिए प्रदेश का लगातार दौरा कर रहे हैं। इसके साथ प्रदेश के नाराज नेताओं-कार्यकर्ताओं को मनाने का जिम्मा तमाम केंद्रीय नेताओं और वरिष्ठ पदाधिकारियों को दिया गया है। इसके बावजूद भाजपा छोडक़र जाने वाले नेताओं सिलसिला थम नहीं रहा है। पिछले तीन महीने में भाजपा छोडऩे वाले नेताओं की संख्या पचास के पार पहुंच चुकी है। जो आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के लिए अच्छे संकेत कतई नहीं हैं। जिन नेताओं ने हाल ही में भाजपा का साथ छोड़ा, सभी का एक ही आरोप है कि उनकी सत्ता-संगठन में पूछ परख नहीं हो रही हैं। नर्मदापुरम के कद्दावर नेता एवं दो बार के विधायक गिरिजाशंकर शर्मा भाजपा छोडऩे के सवाल पर कहते हैं कि पार्टी में नए लोगों के आने से उनकी लगातार अनदेखी हो रही थी। राजनीति में जिंदा रहने के लिए भाजपा को छोडऩे के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। इसके साथ वे कहते हैं कि पार्टी में अब पुराने नेताओं की पूछ-परख नहीं रह गई है। संगठन में उनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। -इन नेताओं ने छोड़ी भाजपा दीपक जोशी (पूर्व विधायक एवं पूर्व सीएम कैलाश जोशी के सुपुत्र), वीरेंद्र रघुवंशी, (वर्तमान भाजपा विधायक कोलारस, शिवपुरी) पं गिरिजाशंकर शर्मा (पूर्व विधायक), माखन सिंह सोलंकी (आदिवासी नेता एवं पूर्व सांसद), राधेेलाल बघेल (पूर्व विधायक, सेवड़ा), भंवर सिंह शेखावत (पूर्व विधायक, धार), कमल सिंह चौहान (जिला पंचायत सदस्य, आष्टा), यादवेंद्र सिंह (अशोकनगर के पूर्व विधायक राव देशराज सिंह के सुपुत्र), अनुभा मुंजारे ( पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की पत्नी एवं पूर्व विधायक ), सईद अहमद (पूर्व मंत्री, सतना), हेमंत लारिया (नरयावली विधायक प्रदीप लारिया के भाई), दीपक मारण (मंत्री कमल पटेल के खास सहयोगी), नीतू परमार ( नगर पालिका अध्यक्ष, मुलताई) और चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा ( पूर्व सांसद सुजान सिंह बुंदेला के सुपुत्र एवं सागर के कद्दावर नेता) सहित पचास से ज्यादा बड़े नेता-वरिष्ठ कार्यकर्ता पिछले तीन महीने में भाजपा छोडक़र कांग्रेस शामिल हो चुके हैं। ये भाजपा के वो नेता हैं, जिनका अपने क्षेत्र में प्रभाव और राजनीतिक जनाधार है।

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