रबात। मोरक्को में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 2000 के ऊपर पहुंच गई है। यह भूकंप 8 सितंबर की रात को 6.8 तीव्रता के साथ आया था, ‎जिसने इस अफ्रीकी देश में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा के बाद मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इधर पीएम नरेन्द्र मोदी ने मरने वालों के प्र‎ति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव मदद करने का भरोसा ‎दिलाया है। भूकंप से अब तक 2000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बतादें‎ कि भूकंप आने के 48 घंटे बाद भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है। अभी इसमें मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। भीषण त्रासदी के बाद हजारों घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सैकड़ों इमारतों के जमींदोज होने के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं। ‎मिली जानकारी के अनुसार मोरक्को में 3 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। मोरक्कन सेना के एक बयान के अनुसार, वहां के किंग मोहम्मद ने सशस्त्र बलों को स्पेशल सर्च एंड रेस्क्यू टीम और एक सर्जिकल फील्ड हॉस्पिटल तैनात करने का निर्देश दिया है। बता दें ‎कि मोरक्को के हाई एटलस पर्वतों को हिलाने वाले भूकंप के तेज झटकों के कारण केंद्र के निकटतम शहर मराकेश में कई ऐतिहासिक संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। लेकिन अधिकांश मौतें अल-हौज और तरौदंत प्रांतों के दक्षिण में पहाड़ी क्षेत्रों में दर्ज की गई हैं। इस बीच, खोज एवं बचाव दल मलबा हटाने और सड़कें साफ करने में जुटा है।

 

इस पर फोन कर भारतीयों से किसी भी प्रकार की सहायता के लिए संपर्क करने को कहा है। दूतावास ने शनिवार को एक्स पर एक संदेश पोस्ट किया, मोरक्को में हाल ही में आए भूकंप के मद्देनजर, मोरक्को में भारतीय नागरिक किसी भी सहायता के लिए भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नंबर +212661297491 पर संपर्क कर सकते हैं। इस तरह से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरी अफ्रीकी राष्ट्र को सहायता की पेशकश की। अन्य देश भी मदद को आगे आए संकट की इस घड़ी में अरब लीग ने भूकंप के तुरंत बाद मोरक्को के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। अरब लीग ने कहा ‎कि उम्मीद है कि देश जल्द ही संकट से उबर जाएगा। वहीं इज़राइल, जिसने 2020 में मोरक्को के साथ संबंधों को सामान्य किया, ने भी उत्तरी अफ्रीकी साम्राज्य के प्रति अपनी संवेदना और सहायता की पेशकश की। इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अपने मोरक्को समकक्ष के साथ फोन पर बात कर भूकंप प्रभावित देश को जितनी जरूरत हो सहायता करने की इजरायल की इच्छा व्यक्त की। तुर्किये ने भी कहा कि वह घावों को भरने के लिए हर तरह की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। वहीं जिन अन्य देशों ने सहायता की पेशकश की है उनमें ईरान, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, फिलिस्तीन, सऊदी अरब, जॉर्डन, ट्यूनीशिया और अल्जीरिया शामिल हैं।

 

 

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