नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को कहा कि भारत की विविधता और उसकी असाधारण सफलताओं का अर्थ है कि जी20 की अध्यक्षता के लिए वह ‘सही समय’ पर ‘सही देश’ है. इसके साथ ही सुनक ने नरेन्द्र मोदी के पिछले साल के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि भारत को जी20 की अध्यक्षता ऐसे समय मिली जब विश्व कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति ऋषि सुनक ने 9-10 सितंबर को यहां आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले, पीटीआई- भाषा को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि ब्रिटेन और भारत के संबंध दोनों देशों के वर्तमान से भी अधिक, उनके भविष्य को परिभाषित करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का आकार, विविधता और इसकी असाधारण सफलताओं का अर्थ है कि यह जी20 की अध्यक्षता के लिए सही समय पर सही देश है. मैं पिछले वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करता हूं और भारत जिस प्रकार वैश्विक नेतृत्व कर रहा है, उसे देखना अद्भुत है.” प्रधानमंत्री सुनक ने ‘‘पीटीआई-भाषा” के सवालों के ईमेल से भेजे गए जवाब में कहा, ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने से लेकर जलवायु परिवर्तन से निपटने तक विश्व की मौजूदा प्रमुख चुनौतियों का सामना करने के लिए हम जी20 की अध्यक्षता के जरिए भारत के साथ मिलकर काम करेंगे.’
सुनक, प्रधानमंत्री मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और जी20 के अन्य नेतागण बैठक में यूक्रेन युद्ध के परिणाम सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे. सुनक ने कहा, ‘‘साल 2023भारत के लिए बड़ा साल है, देशभर में हो रहीं जी20 की विभिन्न बैठकों से लेकर अगले महीने होने वाले क्रिकेट विश्वकप तक- भारत में इस साल निश्चित रूप से सबसे बड़े वैश्विक भूराजनीतिक घटनाक्रम होने वाले हैं.” ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने यूक्रेन पर रूसी हमले का भी जिक्र किया और कहा कि यदि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को किसी संप्रभु पड़ोसी देश पर हमला करने की अनुमति दी गई, तो पूरी दुनिया के लिए इसके ‘भीषण परिणाम’ होंगे.
सुनक ने कहा, ‘विश्व के दो प्रमुख लोकतंत्रों के तौर पर, हमारे लोग हमें परिभाषित करते हैं और हमें दिशा दिखाते हैं. यही वजह है कि ब्रिटेन अवैध और अकारण रूसी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश के तौर पर यूक्रेन को अपना भविष्य खुद तय करने का अधिकार है. यदि पुतिन को बिना दंड के किसी संप्रभु पड़ोसी पर आक्रमण करने दिया जाता है तो पूरी दुनिया के लिए इसके भयानक परिणाम होंगे. यूक्रेन के लोगों से ज्यादा कोई भी शांति नहीं चाहता है, लेकिन यह पुतिन हैं जो अपने सैनिकों को वापस बुलाकर कल ही इस युद्ध को समाप्त करने की ताकत रखते हैं.”
सुनक ने कहा, ‘‘जब तक वह ऐसा नहीं करते, हम यूक्रेन और दुनिया भर में कमजोर लोगों को पुतिन के युद्ध के भयानक परिणामों से निपटने में मदद करेंगे. इसमें उनके (पुतिन) द्वारा बाजारों में हेरफेर और अनाज की आपूर्ति पर हमलों के कारण भोजन और ऊर्जा की वैश्विक कीमत में वृद्धि शामिल है.” सुनक की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत को जी20 नेताओं के घोषणापत्र में यूक्रेन संकट का जिक्र करने के लिए पाठ पर आम सहमति बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. रूस और चीन दोनों पिछले साल के बाली घोषणापत्र में यूक्रेन युद्ध पर दो पैरा पर सहमत हुए थे, लेकिन इस साल वे इससे पीछे हट गए, जिससे भारत के लिए परेशानी पैदा हो गई.
 सुनक ने कहा, ‘‘भारत ने जी20 की अध्यक्षता ऐसे समय संभाली है जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है. हमने पिछले 12 महीने में मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता में तेजी से बढ़ोतरी देखी है, हमने सूडान में संघर्ष शुरू होते हुए देखा, नाइजर और गैबॉन में सैन्य तख्तापलट और अफगानिस्तान तथा अन्य स्थानों पर मानवाधिकारों का दमन देखा है.” उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने और इस बात पर विचार-विमर्श करने के लिए उत्सुक हैं कि भारत और ब्रिटेन के बीच सहयोग से विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से निपटने में कैसे मदद मिल सकती है. सुनक ने कहा, ‘‘जब मैं इस सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी से एक बार फिर मिलूंगा तो यह हमारे सामने मौजूद कुछ वैश्विक चुनौतियों पर तथा इनसे निपटने में ब्रिटेन और भारत की बड़ी भूमिका पर बात करने का अवसर होगा.”
जी20 शिखर सम्मेलन के संभावित नतीजे पर सुनक ने कहा, ‘‘हमें प्रतीक्षा करनी होगी और देखना होगा कि सम्मेलन के क्या परिणाम आते हैं. ब्रिटेन निश्चित रूप से सम्मेलन की सफलता के लिए भारत के प्रयासों का समर्थन करने के लिहाज से यहां है.” सुनक ने सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संबंधों सहित भारत-ब्रिटेन संबंधों के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन-भारत संबंधों को जो चीज वास्तव में अद्वितीय बनाती है, वह हमारे देशों के बीच ‘लिविंग ब्रिज’ है, जिसमें ब्रिटेन में 16 लाख भारतवंशी शामिल हैं और जो हमारे लोगों को संस्कृति, शिक्षा, भोजन, खेल और बहुत कुछ से जोड़ता है.”
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे देशों के करीबी संबंधों और संबद्ध हितों को पहचानते हुए दो साल पहले हम ‘2030 रोडमैप’ पर सहमत हुए थे जो हमारे देशों, अर्थव्यवस्थाओं और लोगों को करीब लाने के लिए एक ऐतिहासिक प्रतिबद्धता थी.” सुनक ने कहा, ‘‘हमने इस रोडमैप के तहत पहले ही बहुत कुछ हासिल कर लिया है, जिसमें उच्च शिक्षा योग्यता की पारस्परिक मान्यता, युवा पेशेवरों के लिए नए वीजा मार्ग और टेस्को, डेलिवरू तथा रेवोलट जैसी ब्रिटिश कंपनियों सहित अरबों नए निवेश सौदे शामिल हैं. ये कंपनियां भारत में अपनी उपस्थिति स्थापित या विस्तारित कर रही हैं और हजारों नई नौकरियां भी पैदा कर रही हैं.

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