मॉस्को। जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने भारत आ रहे रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने खुली चेतावनी दी है। लावरोव ने कहा कि रूस इस महीने के जी20 समिट के घोषणापत्र को रोक देगा अगर उसके विचारों को नहीं दर्शाया गया। लावरोव ने कहा कि रूस जी-20 शिखर सम्मेलन की अंतिम घोषणापत्र को तब तक रोकेगा जब तक कि यह यूक्रेन और अन्य संकटों पर मॉस्को की स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं किया जाता। दरअसल पुतिन ने भारत में नौ से 10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता जाहिर की है। उनकी जगह रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करने वाले हैं। यूक्रेन में युद्ध अपराधों के संदेह में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने मार्च में पुतिन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उसके बाद से पुतिन के विदेश यात्रा करने की जानकारी नहीं है। लावरोव ने कहा, अगर हमारी स्थिति प्रतिबिंबित नहीं होती है, तब सभी सदस्यों की ओर से कोई सामान्य घोषणा नहीं की जाएगी। रूस यूक्रेन युद्ध को अहंकारी पश्चिमी देशों के साथ अस्तित्व की लड़ाई के रूप में पेश करता है, जिसके बारे में पुतिन का कहना है कि वह रूस को खत्म करना चाहते हैं और उसके विशाल प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करना चाहते हैं।

हालांकि पश्चिमी देश इसतरह के किसी भी इरादे से इनकार करते हैं। हालांकि उनका कहना है कि यूक्रेन युद्ध के मैदान में रूस को हरा दे। पश्चिमी देशों ने आक्रमण के जवाब में कई दौर के व्यापक आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। चीन, भारत और ब्राजील जैसी अन्य प्रमुख शक्तियों ने शांति का आह्वान किया है, लेकिन मॉस्को के साथ अपने स्वयं के संबंध निर्धारित करने का अधिकार भी सुरक्षित रखा है। चीन ने पश्चिमी देशों पर यूक्रेन को हथियार मुहैया कराकर युद्ध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। लावरोव ने कहा कि पश्चिम ने शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए बैठकों में यूक्रेन का मुद्दा उठाया था, जिस पर रूस ने जवाब दिया था कि हमारे लिए यह मुद्दा बंद हो गया है। उन्होंने पश्चिम पर अपने स्वयं के एजेंडे को आगे बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को कमजोर करने का आरोप लगाया और सुझाव दिया कि, यदि जी20 बैठक में आम सहमति नहीं बन पाती है, तब जी20 अध्यक्ष द्वारा एक गैर-बाध्यकारी विज्ञप्ति जारी की जा सकती है।

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