दुबई। दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 6 नए देशों को संगठन में शामिल करने पर सहमति बनी है। भारत ने ब्रिक्स के विस्तार का पूरा नेतृत्व कर चीन की अपने समर्थक देशों को शामिल कराने की चाल को विफल कर दिया। भारत ने नए सदस्यों की संख्या और उनके मानदंड तय करने में अहम भूमिका निभाई। इसका नतीजा हुआ कि मिस्र, यूएई, अर्जेंटीना, ईरान, सऊदी अरब और इथोपिया को ब्रिक्स में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। भारत की अहम भूमिका पर संयुक्त अरब अमीरात या यूएई खुश हो गया है। यूएई सहित सभी देशों ने भारत के भूमिका जमकर तारीफ की है।
यही नहीं ब्रिक्स के विस्तार के ऐलान के ठीक पहले पीएम मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान से बात कर उन्हें चंद्रयान-3 की सफलता पर शुभकामनाएं देने के लिए धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में यूएई के राष्ट्रपति को अपना भाई करार दिया। यही नहीं यूएई के भारत में राजदूत अब्दुलनासेर अलशाली ने कहा, यूएई और भारत के रिश्तों के लिए यह एक मौका है ताकि रणनीतिक सहयोग और आर्थिक भागीदारी को विस्तृत और मजबूत किया जा सके।
बताया जा रहा है कि विस्तार के दौरान जहां चीन ने सऊदी अरब और ईरान को लेकर ज्यादा जोर दिया था, वहीं भारत ने अरब देशों में इनके साथ-साथ यूएई को शामिल करने बल दिया था। यूएई और भारत के बीच रिश्ते बहुत मजबूत हो गए हैं। पीएम मोदी अब तक गई बार यूएई की यात्रा पर जा चुके हैं। यूएई में 3,860,000 भारतीय काम करते हैं। दोनों के बीच व्यापार आसमान छू रहा है। भारत की भूमिका की एक और मुस्लिम देश मिस्र ने जमकर तारीफ की है। मिस्र के राजदूत ने कहा कि हम भारत और ब्रिक्स के सभी देशों के आत्मविश्वास की तारीफ करते हैं जिनके साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। उन्होंने मिस्र को शामिल करके स्पष्ट संदेश दिया है। इससे पहले ब्रिक्स देशों के नेताओं ने अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को समूह के नए पूर्णकालिक सदस्यों के रूप में शामिल करने का फैसला किया, जिससे एक लंबी प्रक्रिया पर मुहर लग गई।