पाकिस्तान किसी देश के भरोसे के काबिल नहीं रहा है। कभी वह चीन के हाथों की कठपुतली बन जाता है तो कभी अमेरिका और रूस की गोद में खेलने लगता है। पाकिस्तान अपना मतलब गांठने के लिए किसी भी देश से दोस्ती या दुश्मनी करने का उचित समय जानता है। जो अमेरिका पाकिस्तान को रक्षा क्षेत्र में लाखों अमेरिकी डॉलर देकर मदद करता है, अब वही पाक से गच्चा खा गया है। पाकिस्तान में अमेरिका की थाली में खाया और अब उसी की थाली में छेद कर दिया। दरअसल यहां न्यूयॉर्क में रहकर एक पाकिस्तानी डॉक्टर को इस्लामिक इस्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) की मदद करते पकड़ा गया। अब इसे कोर्ट ने 18 साल कैद की सजा सुनाई है।
यह पाकिस्तानी चिकित्सक अमेरिका में एच1-बी वीजा पर काम कर रहा था। लंबे समय से यह पाकिस्तानी चिकित्सक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को सहायता मुहैया करने और अमेरिका में आतंकवादी हमले करने का प्रयास करने में मदद कर रहा था। इसलिए पाकिस्तानी डॉक्टर को कोर्ट ने 18 साल जेल की सजा सुनाई गई है। न्याय विभाग के एक बयान में बताया गया कि आईएसआईएस को सहायता प्रदान करने के प्रयास के लिए मुहम्मद मसूद (31) को शुक्रवार को सजा सुनाई गई। साथ ही, उसे रिहाई के बाद पांच साल तक निगरानी में भी रहना होगा।
पाकिस्तानी डॉक्टर मसूद ने स्वीकार किया था अपराध
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में आने के बाद पाकिस्तानी डॉक्टर मसूद ने पिछले वर्ष अपना अपराध स्वीकार कर लिया था और वरिष्ठ न्यायाधीश पॉल ए.मैग्नसन के समक्ष उसको सजा सुनाई गई। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, पाकिस्तान में मसूद एक लाइसेंसशुदा चिकित्सक था और एच-1बी वीजा के साथ मिनेसोटा के रोचेस्टर में एक मेडिकल क्लीनिक में अनुसंधान समन्वयक के रूप में कार्यरत था। मसूद ने जनवरी 2020 और मार्च 2020 के बीच एक आतंकवादी संगठन में शामिल होने के उद्देश्य से अपनी विदेश यात्रा को सुगम बनाने के लिए एक संदेश भेजने वाली एप्लिकेशन का उपयोग किया था।
मसूद ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड अल-शाम (आईएसआईएस) में शामिल होने की अपनी इच्छा के बारे में कई बयान दिए और उसने आतंकवादी संगठन तथा उसके सरगना के प्रति अपनी निष्ठा भी जताई थी। मसूद ने अमेरिका में अकेले ही आतंकवादी हमले करना मंसूबा जाहिर किया था।