भोपाल । मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में सबकी नजर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ यानी ग्वालियर अंचल पर रहेगी। क्योंकि, ग्वालियर जिले की कांग्रेस के कब्जे वाली ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण और भितरवार विधानसभा सीटों पर भाजपा के टिकट दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है।

ग्वालियर दक्षिण सीट से भाजपा के नारायण सिंह, जय भान सिंह, अनूप मिश्रा, समीक्षा गुप्ता, सहित 12 लोग दावेदारी कर रहे हैं। ग्वालियर पूर्व सीट से भाजपा के मुन्नालाल गोयल, माया सिंह, जय सिंह कुशवाह, अनूप मिश्रा लगभग 10 से ज्यादा नेता दावेदारी कर रहे है। इसी तरह भितरवार सीट से मोहन सिंह राठौड़, लोकेंद्र पाराशर, बृजेंद्र तिवारी, अशोक पटसरिया सहित 12 से ज्यादा लोग दावेदारी कर रहे हैं।

कांग्रेस ने भाजपा पर कसा तंज
इन 3 सीटों पर भाजपा के 50 से ज्यादा दावेदार सामने आने के बाद कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस ने कहा है कि ग्वालियर में भाजपा तीन खेमों में बंट गई है। इसलिए प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। दूसरी ओर, भाजपा ने दावेदारों की फौज को पार्टी के लिए अच्छा संकेत बताया है। मंत्री भारत सिंह कुशवाहा का दावा है कि भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा दल है। कार्यकर्ताओं की उम्मीद रहती है कि वो विधायक, सांसद बनें। जब पार्टी टिकट घोषित कर देती है तब सभी कार्यकर्ता उम्मीदवार को जिताने का काम करते हैं।

भाजपा को याद रहेगी पिछली हार
साल 2018 में ग्वालियर चंबल अंचल की 34 में से 27 सीटों पर भाजपा को गुट बाजी के चलते हार मिली थी। इसके चलते भाजपा सरकार बनाने से महज 7 सीटें दूर रह गई थी। अंचल में कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत हासिल कर प्रदेश की सत्ता में वापसी की थी। 2023 में भी ग्वालियर चंबल अंचल में मध्य प्रदेश की सियासत का सबसे बड़ा चुनावी घमासान होगा। राजनीति के जानकार मानते हैं कि ग्वालियर चंबल अंचल में बढ़त लेने वाली पार्टी मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होती है। यही वजह है कि अब ग्वालियर चंबल अंचल में जीत के लिए भाजपा के अमित शाह सियासी गणित जमा रहे हैं।

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