बाकू। भारत के आर प्रज्ञानन्दा को अजबेजान की राजधानी बाकू में हुए फिडे शतरंज विश्वकप के खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है। प्रज्ञानन्दा को फाइनल में नार्वे के मैगनस कार्लसन ने टाईब्रेक में शिकस्त दी। इस हार के बाद भी प्रज्ञानन्दा ने सबसे कम उम्र में उपविजेता बनने की उपलब्धि अपने नाम की है। वहीं पांच बार के विश्व चैम्पियन रहे कार्लसन ने इस जीत के साथ पहली बार विश्वकप अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही कार्लसन ने सभी बड़े खिताब जीतने के मामले में भारत के दिग्गज खिलाड़ी रहे विश्वनाथन आनंद की भी बराबरी की है। अब कार्लसन और आनंद अकेले ऐसे खिलाड़ी है जिन्होने विश्व चैंपियनशिप ,विश्व कप और फीडे कैंडिडैट जैसे तीनों अहम खिताब हासिल किये हैं।

उपविजेता बनने के कारण प्रज्ञानन्दा को फीडे कैंडिडैट में स्थान मिल गया है और आनंद के बाद ऐसा करने वाले वह भारत के दूसरे खिलाड़ी हैं। कार्लसन और प्रज्ञानन्दा फाइनल में दोनों क्लासिकल मैच बराबरी पर रहने से स्कोर 1-1 था और ऐसे में मुकाबला टाईब्रेक में चला गया। विश्व कप में अपने शानदार खेल और कार्लसन से दो मैच ड्रॉ खेलने से प्रज्ञानन्दा को विश्व रैंकिंग में फायदा हुआ है और अब वह 9 स्थान के लाभ के साथ ही 2727 अंको के साथ पहली बार शीर्ष 20 में पहुंच गये हैं। विजेता बने कार्लसन ने भारतीय खिलाड़ी की तारीफ करते हुए कहा कि उसने शानदार प्रदर्शन किया पर अनुभवी होने कारण मुझे जीत मिली। “वहीं प्रज्ञानन्दा ने कहा कि उन्हें फाइनल तक पहुंचने की खुशी हुई क्योंकि कार्लसन के खिलाफ खेलना भी एक बड़ी उपलब्धि है।

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