जोहान्सबर्ग। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द.अफ्रीका में ब्रिक्स बिजनेस फोरम में उपस्थित नहीं हुए। उनके अलावा बाकी चार सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुखों के फोरम में शामिल होने की उम्मीद है। ब्रिक्स बिजनेस फोरम में जिनपिंग की जगह चीनी वाणिज्य मंत्री वांग वेन्ताओ शामिल हुए। उन्होंने जिनपिंग के भाषण को पढ़ा, जिसमें अधिपत्य वाली आदतों को लेकर अमेरिका की आलोचना की गई थी। जिनपिंग के ब्रिक्स बिजनेस फोरम में शामिल न होने से कई सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा हैं कि जिनपिंग वह डूब रही चीनी अर्थव्यवस्था पर सवालों के जवाब से बचना चाहते थे। इतना ही नहीं, वह नहीं चाहते थे कि चीनी अर्थव्यवस्था को लेकर कोई उनसे सवाल पूछे। चीनी अर्थव्यस्था चार दशक में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। कोरोना महामारी और प्रापर्टी क्राइसिस ने चीन के आर्थिक हालात को और ज्यादा बिगाड़ दिया है। इसका असर अब चीन के वित्तीय क्षेत्र पर देखने को मिल रहा है। लोग कर्ज की किश्त चुकाने से चूक रहे हैं। दूसरी ओर रियल एस्टेट सेक्टर एकदम से गिर गया है।

चीनी अर्थव्यवस्था ने अतीत में महत्वपूर्ण चुनौतियों पर काबू पाया है, लेकिन वर्तमान में चीन को जिन आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है उनमें एक के साथ दूसरी जुड़ी हुई हैं। बताया जा रहा है कि वर्षों से प्रॉपर्टी के क्षेत्र पर चीन की अत्याधिक निर्भरता और उसकी सख्त कोविड नीति ने आर्थिक वृद्धि में सबसे ज्यादा बाधा डाली है। चीनी मंत्री वांग के पढ़े भाषण में जिनपिंग ने कहा कि अमेरिका उन देशों से लड़ने की प्रवृति रखता है, तब वैश्विक और वित्तीय बाजारों में उसके प्रभुत्व को खतरे में डालते हैं। भाषण में कहा गया है कि हर देश को विकास का अधिकार है और लोगों को खुशहाल जीवन जीने की आजादी होनी चाहिए। लेकिन एक देश (अमेरिका) अधिपत्य बनाए रखने के जुनून पर सवार है, जो उभरते बाजारों और विकासशील देशों को पंगु बनाने के अपने रास्ते पर चल रहा है। शी ने कहा कि जो कोई भी पहले विकसित होता है वह रोकथाम का लक्ष्य बन जाता है।

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