वारसॉ। पोलैंड के श्मशान में एक वैम्पायर बच्चे के कुछ भयानक अवशेष पाए गए हैं। पोलैंड के पिएन गांव में पुरातत्वविदों ने 17वीं सदी के कंकाल के अवशेषों की खोज की है। इस कंकाल का मुंह नीचे की तरफ था और इसके पैर में एक ताला लगा हुआ था। वैम्पायर को आम बोलचाल की भाषा में पिशाच भी कहते हैं। माना जा रहा है कि बच्चे की उम्र करीब पांच से सात साल होगी। यूनिवर्सिटी ऑफ निकोलस कोपरनिकस के पुरातत्वविद डेरियस पोलिंस्की ने कहा, पैर में लगा ताला जीवन के एक चरण के अंत का प्रतीक है। इसका उद्देश्य मृतक को वापसी से रोकना है जिसकी शायद आशंका थी। पोलिंस्की ने कहा, ऐसी प्रथाएं लोक मान्यताओं में पैदा हुईं और कभी-कभी इन्हें पिशाच से रक्षा के रूप में देखा जाता था।

उन्होंने कहा कि उस समय के रीति-रिवाजों के अनुसार, यह माना जाता था कि मुंह के बल दफनाए जाने पर मृतक जीवित लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। पुरातत्वविदों ने कब्रिस्तान में 30 से अधिक अन्य कब्रगाहों की भी खोज की है जहां लोगों को न सिर्फ जीवन के दौरान बल्कि मौत के बाद भी डर लगता था। बच्चे की कब्र के पास, शोधकर्ताओं को तीन अन्य बच्चों की हड्डियों का एक समूह और हरे रंग से सना हुआ जबड़े का टुकड़ा भी मिला। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उसके मुंह में रखे तांबे के सिक्के से आया होगा। उन्हें एक गर्भवती महिला के अवशेष भी मिले। यूनिवर्सिटी की मैग्डेलेना ज़ग्रोडज़्का ने कहा, भ्रूण लगभग 5-6 महीने का था। यह आश्चर्य की बात है क्योंकि इस उम्र के बच्चों की हड्डियों को आमतौर पर संरक्षित नहीं किया जा सकता है। नई खोजें उसी जगह पर की गईं जहां पिछले साल पुरातत्वविदों को एक पिशाच महिला के अवशेष मिले थे। पांच फीट से भी कम दूरी पर मिली उस महिला के बारे में माना जाता था कि वह उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा रखती थी और उसकी गर्दन पर दरांती रखी हुई थी।

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