भिण्ड। भिंड के अटेर इलाके में स्थित ऐतिहासिक प्रसिद्ध वॉरेश्वर मंदिर को लेकर दो समुदायों के बीच अब विवाद गहराता जा रहा है, मंदिर परिसर में पुरातत्व विभाग द्वारा लगाए गए साइन बोर्ड पर लिखे भदावर प्रतिहार वंश की जगह किसी असामाजिक तत्व द्वारा भदावर शब्द को मिटा कर गुर्जर शब्द लिखे जाने के बाद आक्रोशित क्षत्रिय समाज की एक इकाई करणी सेना द्वारा पहले फूप थाने में कार्रवाई के लिए आवेदन दिया गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर और करणी सेना के सदस्यों को मिलने वाली धमकियों को लेकर बीते 2 दिन पहले करणी सेना के 5 सैकड़ा से अधिक सदस्यों द्वारा भिंड पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा गया।
इसके बाद आज चंबल अंचल के गुर्जर समुदाय द्वारा एकत्रित होकर सैकड़ों की तादाद में भिंड कलेक्ट्रेट का घेराव कर बोरेश्वर मंदिर को गुर्जर प्रतिहार वंश की संपत्ति बताते हुए दावा किया और साइन बोर्ड पर गुर्जर शब्द लिखे जाने के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है,।कार्यक्रम की अगुवाई राष्ट्रीय आजाद समाज पार्टी और गुर्जर समाज के अध्यक्ष राजस्थान के रविंद्र भाटी ने की कॉल मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि कल उनकी पुलिस और प्रशासन से बात हो गई थी, और वह लोग ज्ञापन के बाद गुर्जर शब्द लिखने के लिए तैयार है, वही करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संतोष भदौरिया का कहना है, कल गुर्जर समुदाय और करणी सेना किन लोगों द्वारा कलेक्टर से चर्चा की गई थी लेकिन कोई हल नहीं निकला था, और करणी सेना प्रमुख का कहना है कि पुरातत्व विभाग में जो भी शब्द अंकित हो उन्हें लिख दिया जाए हमें कोई आपत्ति नहीं है, अगर गुर्जर समुदाय रैली करेगा तो दूसरे दिन वह भी रैली और धरना देने के लिए मजबूर होंगे वही भिंड प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को पत्र लिखकर अग्रिम कार्रवाई के लिए तीन दिन के अंदर जानकारी मांगी है, अब देखना होगा के गुर्जर समुदाय द्वारा रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट का घेरा होकर ज्ञापन देने के बाद क्षत्रिय समाज की करणी सेना का रुख क्या होगा?