तेहरान। ईरान में महिलाओं पर ‎हिजाब कानून और सख्त होने वाला है। बताया जा रहा है ‎कि अब एआई से ‎निगरानी रखी जाएगी। साथ ही इसके उल्लंघन पर होने वाली सजा को 10 साल तक बढ़ाया जा रहा है। इस तरह से यहां म‎हिलाओं को लेकर पाबंदियां कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है। गौरतलब है ‎कि यहां सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के लिए सिर के बाल ढंकना और ढीले-ढाले कपड़े पहनना अनिवार्य है।

ऐसा न करने पर जुर्माने और सज़ा का प्रावधान भी है। अब इसी बीच खबर है कि ईरानी सरकार हिजाब पहनने को लेकर पहले से कड़े नियम लाने की तैयारी कर रही है। बता दें ‎‎कि पिछले कुछ समय से यहां हिजाब को लेकर विवाद जारी है। महसा आमिनी के मौत के एक साल पूरे होने से पहले ईरान सरकार यह कदम उठाने जा रही है। याद हो कि पिछले साल 22 साल की ईरानी लड़की महसा को पुलिस ने हिजाब को ठीक से न पहनने को लेकर हिरासत में लिया गया था उसके कुछ घंटे बाद पुलिस कस्टडी में ही उसकी मौत हो गई। महसा की मौत के बाद लोगों का गुस्सा उबल पड़ा और देश के अलग- अलग हिस्सों में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ।

बता दें ‎कि ईरान में उस समय 500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी मारे गए थे। हिजाब को लेकर शोर सिर्फ ईरान नहीं बल्कि स्वीडन से लेकर कनाडा और तमाम अरब देशों में भी सुनाई देने लगा था। हिजाब के खिलाफ ईरान की महिलाओं का साथ देने के लिए अलग-अलग मुल्कों में महिलाएं सड़कों पर उतर आई थी। दु‎नियाभर में हो रही हिजाब क्रांति के बावजूद ईरान सरकार अपने फैसले से पीछे हटने का नाम नहीं ले रही है। जानकारी के अनुसार यहां पर नए विधेयक में हिजाब न पहनने वालों की सजा को अधिकतम 2 महीने से बढ़ाकर 10 साल कर दिया जाएगा। अब हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को ट्रैक करने के लिए एआई की मदद भी ली जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह विधेयक, ईरानियों के लिए एक चेतावनी है कि पिछले साल देशभर में भारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद ईरान हिजाब रूल पर अपने रुख से पीछे नहीं हटेगा।

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