वॉशिंगटन । चीन-अमेरिका के बीच तकरार अभी जारी है। खबर हैं कि अमेरिका (America) ने दो चीनी (China) कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। दरअसल अमेरिका ने चीन पर उइगर मुसलमानों के जबरन श्रम का आरोप लगाया है। अमेरिका का कहना है कि चीन अपनी कंपनियों में जानबूझकर इन समुदायों के सदस्यों को प्रताड़ित कर रहा है, इसकारण अमेरिका ने चीन की बैटरी निर्माता कंपनी कैमल ग्रुप और मसाले बनाने वाली कंपनी चेंगुआंग बायोटेक ग्रुप के उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह जानकारी अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने बयान में दी है।

डीएचएस ने कहा कि चीन की इन दो कंपनियों के उत्पादों को देश में अनुमति नहीं मिलेगी। यह फैसला मानवता को देखकर लिया गया है, क्योंकि शिनजियांग में उइगर और अन्य धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ खुलेआम नरसंहार हो रहा है। डीएचएस की अध्यक्षता में इंटरएजेंसी फोर्स्ड लेबर एनफोर्समेंट टास्क फोर्स (FLETF) ने चीन की इन दो कंपनियों को उइघुर फोर्स्ड लेबर प्रिवेंशन एक्ट (UFLPA) इकाई सूची में जोड़ा है।

इन प्रतिबंधों का एक ही लक्ष्य है, वहां शिनजियांग में उइगर औरअन्य धार्मिक समूहों के खिलाफ चल रहे नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देना। लेकिन बीजिंग ने इन आरोपों को खारिज कर कहा है कि उइगरों के साथ-साथ अन्य अल्पसंख्यकों के प्रति उसकी नीतियां “अतिवाद” को रोकने के लिए आवश्यक हैं। उइगरों के प्रति चीन का व्यवहार बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच तनाव के कई बिंदुओं में से एक रहा है। अमेरिका ने 2020 में भी चीन पर उइगर मुसलमान के शोषण का आरोप लगाते हुए चीन की 11 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था।

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